शिक्षक का अपहरण : स्कूल में घुसकर शिक्षक का दिनदहाड़े अपहरण, पुलिस ने कुछ ही घंटों में 4 आरोपियों को किया गिरफ्तार


दुर्ग। दुर्ग जिले के बोरी थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहाँ पैसों के विवाद में चार लोगों ने एक शासकीय स्कूल में घुसकर शिक्षक का अपहरण कर लिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए कुछ ही घंटों के भीतर न केवल अपहृत शिक्षक को सुरक्षित छुड़ा लिया, बल्कि एक महिला समेत सभी चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


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क्या है पूरा मामला?

बोरी पुलिस के अनुसार, लिटिया निवासी सुनीता देशलहरे (32 वर्ष) ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि गुरुवार, 3 जुलाई को दोपहर करीब 1:30 बजे उनके रिश्तेदार और शिक्षक दीपक देशलहरे ने उन्हें फोन पर घबराकर सूचना दी। दीपक ने बताया कि राजनांदगांव के लालबाग निवासी खरिमन दास बंजारे, सुमित कुमार बंजारे, गोकुल निर्मलकर और सावित्री बंजारे पुरदा स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में घुस आए हैं।
आरोपियों ने स्कूल समय में ही शिक्षक दीपक देशलहरे के साथ हाथ-मुक्कों से बुरी तरह मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती अपनी कार (क्रमांक CG 04 KD 9009) में डालकर अपहरण कर ले गए। इतना ही नहीं, आरोपियों ने शिक्षक की मोटरसाइकिल (क्रमांक CG 07 LK 2169) को भी बलपूर्वक छीन लिया। पीड़ित ने बताया कि आरोपी उसके भाई द्वारा लिए गए कर्ज पर ब्याज सहित अधिक रकम की मांग कर रहे थे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
अपहरण जैसी गंभीर घटना की सूचना मिलते ही बोरी पुलिस हरकत में आ गई। थाना प्रभारी अनिल कुमार पटेल के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन कर आरोपियों की तलाश शुरू की गई। पुलिस टीम ने तेजी से काम करते हुए कुछ ही घंटों में आरोपियों का पता लगा लिया और उनके कब्जे से अपहृत शिक्षक दीपक देशलहरे को सुरक्षित बरामद कर लिया।
पुलिस ने मौके से तीन आरोपियों- खरिमन दास बंजारे (55 वर्ष), सुमित कुमार बंजारे (35 वर्ष) और गोकुल निर्मलकर (57 वर्ष) को गिरफ्तार किया। प्रकरण की चौथी आरोपी सावित्री बंजारे (52 वर्ष) को बोरी के बाजार चौक से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल की गई कार और छीनी गई मोटरसाइकिल को भी जब्त कर लिया है।
पुलिस ने सभी चारों आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 140, 308(5) और 3(5) के तहत अपराध क्रमांक 83/2025 दर्ज कर उन्हें न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। इस सफल कार्यवाही में निरीक्षक अनिल कुमार पटेल, प्रधान आरक्षक योगेश पचौरी, आरक्षक ऋषि बंछोर, ऋतुराज सिंह और चन्द्रशेखर यादव की भूमिका सराहनीय रही।