शोभायात्रा के साथ राम कथा शुरू, रोज दोपहर 1 बजे से बहेगी ज्ञान गंगा



बलौदाबाजार। लखन हरवानी : शहर में शुक्रवार से सात दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव का भव्य शुभारंभ कलश यात्रा और शोभायात्रा के साथ हुआ। स्व. सोनचंद वर्मा स्मृति फाउंडेशन बलौदाबाजार के तत्वावधान में आयोजित यह धार्मिक आयोजन 19 से 25 दिसंबर तक दशहरा मैदान में संपन्न होगा। शुभारंभ के साथ ही पूरा शहर सिया राम के जयघोष से राममय वातावरण में सराबोर नजर आया। महोत्सव की शुरुआत षष्ठी मंदिर परिसर से निकाली गई भव्य कलश यात्रा से हुई। कलश यात्रा में महिला-पुरुषों के साथ बड़ी संख्या में बच्चे भी शामिल हुए।
पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर कलश और हाथों में ध्वज लिए श्रद्धालु प्रभु राम के नाम का जप करते हुए उत्साहपूर्वक आगे बढ़ते रहे। शोभायात्रा में मानस विदुषी दीदी देवी चंद्रकला बग्गी में सवार रहीं। यात्रा षष्ठी मंदिर से प्रारंभ होकर गार्डन चौक, बस स्टैंड होते हुए दशहरा मैदान पहुंची। मार्ग में जगह-जगह धर्मप्रेमियों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का आत्मीय स्वागत किया। दशहरा मैदान में कथा पंडाल में प्रथम दिवस कथा का शुभारंभहुआ। मानस विदुषी दीदी देवी चंद्रकला ने “कण-कण में विष्णु बसें, जन-जन में राम” के भावपूर्ण संदेश के साथ कथा वाचन आरंभकिया। उन्होंने रामचरितमानस की महिमा पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए गोस्वामी तुलसीदास के जीवन से जुड़े प्रेरक प्रसंगों का जीवंत वर्णन किया। उन्होंने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी भक्ति के मार्ग पर अडिग रहना ही सच्ची साधना है। कथा के दौरान उन्होंने उस प्रसंग का विशेष उल्लेख किया, जिसमें पत्नी की सीख से प्रेरित होकर तुलसीदास सांसारिक मोह त्यागकर प्रभु राम की शरण में आए। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस मानव जीवन के चरित्र निर्माण का दर्पण है और कलियुग में नाम संकीर्तन ही मोक्ष का सबसे सरल मार्ग है।
भजनों की प्रस्तुति पर श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम उठे।फाउंडेशन के संयोजक पुष्पराज वर्मा ने बताया कि सात दिवसीय श्रीराम कथा प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक आयोजित की जाएगी। कथा के माध्यम से समाज में नैतिक मूल्यों, सद्भाव, संस्कार और आध्यात्मिक चेतना को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है। आगामी दिनों में राम जन्म, बाल लीला, धनुष यज्ञ सहित प्रभु राम के जीवन चरित्र बताए जाएंगे।










