भारत की बड़ी जीत, घोटालेबाज नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को UK कोर्ट की हरी झंडी

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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक  से अरबों की धोखाधड़ी के मामले में जालसाजी और धनशोधन के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी बृहस्पतिवार को प्रत्यर्पण के खिलाफ अपना मुकदमा हार गया। ब्रिटेन की एक अदालत के न्यायाधीश ने कहा कि उसके खिलाफ एक मामला है जिसमें उसे भारतीय अदालतों के समक्ष जवाब देना है।लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यह फैसला सुनाया। नीरव मोदी (49) दक्षिण पश्चिम लंदन में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में शामिल हुआ।न्यायाधीश गूजी ने अदालत में अपने फैसले का कुछ अंश पढ़ते हुए कहा कि प्रारंभिक नजर में मैं उन तथ्यों से संतुष्ट हूं कि जालसाजी और धन शोधन का मामला बनता है। न्यायाधीश अपने आदेश की प्रति ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल को भेजेंगे।

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भारत-ब्रिटेन प्रत्यर्पण समझौता के तहत कैबिनेट मंत्री को ही प्रत्यर्पण का आदेश मंजूर करने का अधिकार है और दो महीने के भीतर इस पर फैसला करना होगा। आम तौर पर अदालत के फैसले को गृह मंत्री द्वारा नहीं पलटा जाता है।

हाईकोर्ट जा सकता है मोदी : मंत्री का जो भी फैसला हो, नीरव मोदी 14 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय का रुख कर सकता है और गृह मंत्री के फैसले के बाद अपील करने की अनुमति हासिल कर सकता है। अगर अपील मंजूर की गई तो उसकी सुनवाई लंदन में उच्च न्ययालय के प्रशासनिक खंड में होगी।प्रत्यर्पण वारंट पर नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को गिरफ्तार किया गया था। वह प्रत्यर्पण मामले में अदालती सुनवाई में वेंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हिस्सा लेता था। जमानत के लिए मजिस्ट्रेट और उच्च न्यायालय स्तर पर उसकी कई याचिकाएं खारिज कर दी गईं क्योंकि उसके भागने का खतरा है। पीएनबी में धोखाधड़ी से जुड़े मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रही है और धनशोधन के संबंध में ईडी छानबीन कर रही है।

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क्या है घोटाला : पंजाब नेशनल बैंक ने वर्ष 2018 में नीरव मोदी और उसके चाचा मेहुल चौकसी के ज्वैलरी समूहों पर फर्जी बैंक गारंटी के जरिए कर्ज लेने और धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे। इससे पहले कि आरोप सार्वजनिक होते दोनों ने गुपचुप तरीके से भारत छोड़ दिया था। इसके बाद भारत में इन्हें भगोड़ा घोषित किया गया था। आपको बता दें कि 2017 में नीरव मोदी की कुल संपत्ति 180 करोड़ डॉलर (करीब 11 हजार 700 करोड़ रुपए) थी। मोदी की कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है।