आंजनेय यूनिवर्सिटी: इंजीनियर्स डे के अवसर पर हुए विविध आयोजन

हाइलाइट्स

  • विकसित भारत के निर्माण में इंजीनियर्स की भूमिका महत्वपूर्ण : वाइस चांसलर डॉ. टी. रामाराव
  • इंजीनियर्स सिर्फ मशीनें या सॉफ्टवेयर नहीं बनाते, बल्कि वे समस्याओं के समाधानकर्ता हैं : डायरेक्टर जनरल डॉ. बीसी जैन
  • इंजीनियर्स केवल तकनीकी रूप से दक्ष न हों, बल्कि उनमें सामाजिक चेतना और नवाचार की भावना भी हो : प्रो वाइस चांसलर डॉ सुमित श्रीवास्तव

रायपुर: आंजनेय यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. टी. रामाराव ने इंजीनियर्स डे के अवसर पर कि विकसित भारत के सपने को साकार करने में इंजीनियर्स की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि देश की प्रगति, चाहे वह आर्थिक हो, तकनीकी हो या सामाजिक, इंजीनियरिंग और नवाचार पर बहुत हद तक निर्भर करती है। यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर जनरल डॉ. बीसी जैन ने बताया कि आज के इंजीनियर्स सिर्फ मशीनें या सॉफ्टवेयर नहीं बनाते, बल्कि वे समस्याओं के समाधानकर्ता हैं। वे पुल, सड़कें, स्मार्ट सिटी, टिकाऊ ऊर्जा स्रोत, और जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण जैसी बुनियादी संरचनाओं का निर्माण करके देश की प्रगति में सीधा योगदान देते हैं। प्रो वाइस चांसलर डॉ सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि आंजनेय यूनिवर्सिटी का लक्ष्य ऐसे इंजीनियर्स तैयार करना है जो न केवल तकनीकी रूप से दक्ष हों, बल्कि उनमें सामाजिक चेतना और नवाचार की भावना भी हो। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय द्वारा हाल ही में शुरू किए गए नए इंजीनियरिंग कार्यक्रमों और अनुसंधान केंद्र छात्रों को आधुनिक उद्योगों की मांगों के लिए तैयार कर रहे हैं। विद्यार्थियों ने विशेष रूप से टिकाऊ प्रौद्योगिकी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि ये क्षेत्र भविष्य में भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करेंगे।

विदेश में पढ़ाई के अवसर
इंजीनियर्स डे के अवसर पर आंजनेय यूनिवर्सिटी ने अपने छात्रों के लिए ‘विदेश में पढ़ाई के अवसर’ विषय पर एक विशेष मार्गदर्शन सत्र का आयोजन किया। इस अवसर पर अभिषेक नखट ने छात्रों को वैश्विक शिक्षा के विभिन्न पहलुओं, प्रवेश प्रक्रियाओं और उपलब्ध छात्रवृत्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की । विशेषज्ञ ने छात्रों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने विदेश में अध्ययन के लिए सही पाठ्यक्रम और विश्वविद्यालय का चयन कैसे करें, आवश्यक दस्तावेज़ तैयार करने की प्रक्रिया, और विभिन्न देशों की वीजा आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला।

इस पहल के पीछे विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को केवल स्थानीय नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है। सत्र के दौरान, यह भी बताया गया कि विदेश में शिक्षा प्राप्त करने से न केवल अकादमिक ज्ञान बढ़ता है, बल्कि यह छात्रों को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाता है और उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास करता है।

आंजनेय यूनिवर्सिटी अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता के साथ-साथ छात्रों को ऐसे अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो उन्हें अंतर्राष्ट्रीय एक्सपोजर दे सकें। यह सत्र उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो छात्रों को उनके भविष्य के लिए बेहतर निर्णय लेने में मदद करेगा।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी डीन, प्राध्यापकगण और बड़ी संख्या में विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।

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