सावन में झूला झूलती नजर आई महिलाएं, पारंपरिक गीतों और रंगों से महका माहौल


गोवर्धन प्रसाद ताम्रकार: अहिवारा। सावन का महीना आते ही चारों ओर हरियाली और उत्साह की छटा बिखर जाती है। इसी अवसर पर नंदिनी अहिवारा में महिलाओं द्वारा पारंपरिक सावन झूला उत्सव का आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया।
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इस आयोजन में महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया और झूले पर झूलते हुए लोकगीतों की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। महिलाएं हरे रंग की साड़ी पहनकर आईं, जो सावन के प्रतीक रंग हैं। उन्होंने “कजरी”, “झूला” और “सावन” से संबंधित लोकगीतों को गाया, जिससे माहौल पूरी तरह सांस्कृतिक रंग में रंग गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था पुरानी परंपराओं को जीवित रखना और नई पीढ़ी को भारतीय सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना। कार्यक्रम में महिलाएं न केवल झूला झूलती नजर आईं, बल्कि मेंहदी, गीत-संगीत, नृत्य और पारंपरिक व्यंजनों का भी आयोजन किया गया।


“सावन झूला उत्सव नारी शक्ति और संस्कृति का प्रतीक है। ऐसे आयोजन महिलाओं को एक-दूसरे से जोड़ते हैं और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देते हैं।”
इस कार्यक्रम में उपस्थित मधुरीमा, ममता, सिम्मी, रेखा, भावना, पिंकी, सुहानी, प्रेरणा एवं सपना सहित काफी संख्या में महिलाएं उपस्थित रही।