मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोनाखान–कसडोल क्षेत्र को इको–टूरिज्म केंद्र के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की।

चंदन जायसवाल कसडोल

कसडोल,,सोनाखान में आयोजित वीर मड़ई एवं शहीद वीर नारायण सिंह जी शहादत दिवस के अवसर पर माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा सोनाखान–कसडोल क्षेत्र को इको–टूरिज़्म पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की ऐतिहासिक घोषणा की गई। यह घोषणा वर्षों से की जा रही मांग का परिणाम है, जिसे विभिन्न अवसरों पर मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया था,सोनाखान क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य, घने वन, जैव–विविधता, ऐतिहासिक धरोहर, वीर नारायण सिंह के संघर्ष–स्थल तथा पारंपरिक सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण है। यह क्षेत्र इको–टूरिज़्म मॉडल के लिए अत्यंत उपयुक्त है, और घोषित निर्णय से क्षेत्र के विकास को नई गति मिलेगी।

इस घोषणा से प्राप्त होने वाले प्रमुख लाभ —

स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

स्थानीय संस्कृति एवं प्राकृतिक धरोहर के संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

राज्य की पर्यटन आय में वृद्धि होगी।

सतत विकास के साथ पर्यावरण–अनुकूल पर्यटन मॉडल स्थापित होगा।

इको–टूरिज़्म विकास हेतु प्राकृतिक पथ (Nature Trails), बर्ड–वॉचिंग पॉइंट, होम–स्टे विस्तार, पर्यटन मार्ग, आधारभूत संरचना निर्माण एवं प्रचार–प्रसार जैसी योजनाएँ इस क्षेत्र के विकास को नई दिशा देंगी।

इस आयोजन में उपस्थित प्रमुख जनप्रतिनिधि एवं मार्गदर्शकगण —

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

वन एवं परिवहन मंत्री केदार कश्यप

आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम

उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल

जिला पंचायत अध्यक्ष बलौदाबाजार आकांक्षा जयसवाल

भाजपा जिला अध्यक्ष आनंद यादव

अनुसूचित जाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सनम जांगड़े

महिला आयोग सदस्य लक्ष्मी वर्मा

जनपद पंचायत कसडोल अध्यक्ष कुसुम पैकरा

जनपद पंचायत उपाध्यक्ष श्री देवानंद नायक

सभापति मोरध्वज पैकरा

शहीद वीर नारायण सिंह जी के वंशज राजेंद्र दीवान
परिवार सहित

सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र ध्रुवंशी
तथा समाज के अनेक सम्माननीय पदाधिकारी एवं नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

इस महत्वपूर्ण घोषणा के लिए माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का हृदय से आभार। साथ ही इस विषय पर लंबे समय से निरंतर प्रयासरत रहे जनपद सदस्य मोरध्वज पैकरा के प्रयास आज पूर्णता की ओर अग्रसर हुए हैं।

यह निर्णय सोनाखान–कसडोल क्षेत्र को प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख इको–टूरिज़्म केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।

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