डेयरी संचालन से समूह की महिलाएं बनी सक्षम उद्यमी

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रायपुर / बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर और राजपुर में स्व सहायता समूह की महिलाएं डेयरी व्यवसाय से जुड़कर दूध उत्पादन का कार्य कर रही हैं। इसका सीधा लाभ आस पास के सभी पशुपालकों को हो रहा है। रीपा के तहत दूध इकाई स्थापित होने से महिला उघमिता को बढ़ावा मिल रहा है। जिससे दूरस्थ क्षेत्रों के महिलाएं, पशुपालक आज आजीविका से जुड़कर सशक्त हो रही है।

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उन्हें गांव में ही रोजगार मिलने से महिलाओं ने खुशी जाहिर की। वर्तमान में दो समूह में महिलाएं मिलकर दूधवाला नाम से डेयरी संचालन कर रही है। महिलाओं ने बताया कि गांव के आस पास के पशुपालकों से दूध खरीदकर दूध तथा दूध से निर्मित खाघ पदार्थों का विक्रय कर रही हैं। महिलाओं और पशुपालकों को बाजार मिलने से उनकी आय मे वृद्धि हो रही है।

समूह की 70 महिलाओं को मिला रोजगार

योजना के शुरुआती चरण में वाड्रफनगर और राजपुर में दूध संग्रहण केंद्र खोले गए है, जिसमें विभिन्न समूह की 70 महिलाएं दूध संग्रहण और वितरण का कार्य कर रही हैं। समूह की महिलाओं के द्वारा आस-पास के 10 गावों के 76 पशुपालकों से लगभग 152 लीटर दूध की खरीदी नियमित रूप से की जा रही है। समूह की महिलाओं द्वारा नगरीय क्षेत्र के 136 उपभोक्ताओं को प्रतिदिन बिहान मार्ट के द्वारा दूध का विक्रय किया जा रहा है। साथ ही बचे हुए दूध से समूह की महिलाएं विभिन्न प्रकार के मिठाईयां तैयार कर रहीं हैं।

इस योजना की शुरुआत से अब तक दोनों केंद्रों के द्वारा लगभग 05 लाख 70 हजार की दूध की खरीदी की गई है, तथा 05 लाख 64 हजार की बिक्री की जा चुकी है। साथ ही बचे हुए दूध से मिठाइयों का निर्माण कर उन्हें बेचकर अतिरिक्त लाभ प्राप्त कर चुकी हैं। सदाबहार समूह की सदस्य श्रीमती मीना बताती है कि महिलाओं को मिलाकर एक उत्पादक समूह का गठन किया गया है, जिसका सदाबहार उत्पादक समूह रखा गया है।

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