ऐमज़ान के खिलाफ सीबीआई जाँच को लेकर कैट देश के 500 से अधिक ज़िलों में कलेक्टर को देगा ज्ञापन देकर करेगा माँग…….

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि देश के ई कामर्स व्यापार में बड़ी विदेशी कम्पनियों द्वारा लगातार किए जा रहे देश के क़ानूनों का खुला उल्लंघन और गत दो दिन में मीडिया में तेज़ी से फैल रही खबर की ऐमज़ान ने भारत में अपने वकीलों के ज़रिए सरकार के अधिकारियों को रिश्वत दीं है, के खिलाफ़ घोर शंखनाद करते हुए कल प्रदेश भर सहित देश भर के 500 से अधिक ज़िलों में कैट से जुड़े हकारों व्यापारी संगठन ज़िला कलेक्टरों को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन देकर सारे मामले की सीबीआई द्वारा जाँच किए जाने की माँग करेंगे तथा उपभोक्ता क़ानून के तहत प्रस्तावित ई कामर्स नियमों को लागू करने की ज़ोरदार माँग करेंगे। इस कार्यक्रम में देश के 20 हज़ार से अधिक व्यापारी संगठन भाग लेंगे । ज्ञातव्य है की ई कामर्स व्यापार में मची धांधली को लेकर कैट 15 सितम्बर से 15 अक्तूबर तक एक महीने का ई कामर्स पर हल्ला बोल राष्ट्रीय अभियान चला रहा है।

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इसी बीच कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने आज यह माँग भी की है कीं ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिये देश के सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने वाले मुद्दे पर ऐमज़ान के वित्तीय दस्तावेज जो पिछले वर्षों में सरकारी विभागों को दिए गए हैं उनकी फ़ोरेंसिक ऑडिट कराया जाए जिससे जल्द से जल्द यह पता लग सके की क्या ऐमज़ान के वकीलों के ज़रिए अधिकारियों एवं अन्य लोगों को रिश्वत दीं गई थी या नहीं। उन्होंने यह भी कहा की जिस बड़े पैमाने पर ऐमज़ान ने ई कामर्स व्यापार में कानों और नियमों का उल्लंघन किया है और धांधली की है उसको देखते हुए ऐमज़ान के कर्यकलापों की समग्र जाँच ज़रूरी है और इस हेतु आय कर विभाग, केंद्र के जींएसटी विभाग. सीसीआई, प्रवर्तन निदेशालय, सेबी तथा मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स को एक साथ जाँच करनी चाहिए जिससे की सारा मामला साफ़ हो।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की अगर सरकार यह कदम उठाती है तो कुछ लोग एवं संस्थान ऐमज़ान को बचाने के लिए आगे आ सकते हैं और वो ही घिसे पीटे तर्क दोहराएँगे की इससे भारत में विदेशी निवेश को धक्का पहुँचेगा जो नितांत झूठा और भ्रामक है। अब यह सरकार को देखना है की वो इन तर्कों को मान्यता देती है या देश के क़ानून और नियमों की सर्वोचतता को बरकरार रखते हुए दुनिया को संदेश देना है कीं भारत एक संप्रभु देश हैं जहां क़ानून से खिलवाड़ करने वाले लोगों को क़तई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा वो चाहे कितने बड़े ही क्यों न हो ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि देश के 8 करोड़ व्यापारी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान एवं देश के छोटे व्यापारियों को सर्म्द्ध करने की दिशा में सरकार के साथ मज़बूती से खड़े हैं और किसी भी कम्पनी को ईस्ट इंडिया कम्पनी अब और नहीं बनने देने ने लिए कृत संकल्प है।

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