ओबीसी कांग्रेस केंद्र सरकार के खिलाफ 6 जून को सभी जिला मुख्यालय में करेंगे प्रदर्शन

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रायपुर। ओबीसी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैप्टन अजय यादव के आव्हान पर ओबीसी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. चौलेश्वर चंद्राकर के नेतृत्व में पिछड़ा वर्ग के विभिन्न मांगों को लेकर केंद्र सरकार के विरोध में सभी जिलों में ओबीसी कांग्रेस के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर 6 जून को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक जिला मुख्यालय में प्रदर्शन किया जायेगा। उक्त मांगों को लेकर जिसमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित हैं :-जातिगत जनगणना : जनगणना जातीय आधार पर होने से प्रत्येक जाति की आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक की सही पहचान हो सकेगी। इससे यह होगा कि आरक्षण जिसको मिलना चाहिए उसी को मिलेगा उसके हिस्से का आरक्षण कोई और जाति का नही ले सकेगा और सरकार के पास पूरा ब्योरा होगा और उसी के आधार पर आरक्षण दिया जा सकेगा। महाराष्ट्र और हरियाणा में जातिगत जनगणना न होने की वजह से पंचायत व निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नही दिया गया है। इसके अलावा आधी आबादी होने के बावजूद भी ओबीसी को मात्र 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है और कई प्रदेशों में तो 27 प्रतिशत से भी कम आरक्षण दिया जा रहा है। क्रीमीलेयर-ओबीसी वर्ग की नौकरी व शिक्षा के आरक्षण में सरकार द्वारा क्रीमीलेयर लगाई हुई है। जिसके अंतर्गत केंद्र सरकार ने 8 लाख रूपये जबकि कई प्रदेश सरकारों ने मात्र 6 लाख रूपये सालाना आय पर क्रीमीलेयर लगा दिया है। इतना ही नहीं क्रिमीलेयर में कृषि और सेलरी को भी जोड़ दिया गया है। सरकार द्वारा क्रीमीलेयर को हटाया जाए क्योंकि क्रीमीलेयर लगने से नौकरियों और शिक्षा में ओबीसी वर्ग की सीटें खाली रह जाती हैं। अहीर और गुर्जर रेजिमेंट के अलावा पिछड़ा वर्ग की अन्य जातियों की रेजिमेंट बननी चाहिए – अन्य रेजीमेंटों की तरह अहीर, गुर्जर और अन्य पिछडा वर्ग की अन्य जातियों की भी रेजिमेंट बननी चाहिए क्योंकि देश की आजादी से लेकर सभी युद्धों में जैसे 1962, 1965, 1971, रेजांगला, कारगिल, संसद हमला इत्यादि सभी युद्धों में ओबीसी वर्ग के बहुत से जवानों ने भागीदारी ली और देश की रक्षा करते हुए शहीद भी हुए हैं। मंत्रालय ओबीसी के लिए – ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए एक अलग से मंत्रालय बने। जो कि पिछड़े वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाएं बनाएं। साथ ही बजट में ओबीसी वर्ग के उत्थान व विकास के लिए अलग पैसा मिले। यदि जातीय जनगणना हो जाए तो प्रत्येक जाति को उसके हक का पैसा मिल सकेगा। कॉलेजियम प्रणाली हो ओबीसी के लिएः उच्च न्यायपालिका व न्याय पालिकाओं में ओबीसी वर्ग की भागीदारी बहूत कम है। एक आयोग बने जो मेरिट के आधार पर ओबीसी वर्ग के लोगों की नियुक्ति न्यायपालिका में करे। जब तक देश की उच्चतर न्यायपालिका में ओबीसी का उचित प्रतिनिधित्व नही होगा तब तक ओबीसी वर्ग को न्याय नही मिलेगा। ओबीसी वर्ग की महिलाओं को भी अलग से आरक्षण मिले : हमारे समाज की महिलाएं बहुत पीछे हैं उनको भी बराबरी का हक मिलना चाहिए। महिलाओं को मिलने वाले 33 प्रतिशत आरक्षण का 27 प्रतिशत आरक्षण ओबीसी की महिलाओं को मिलें। प्राइवेट सेक्टर में 50 प्रतिशत आरक्षण : देश की जनसंख्या की लगभग आधी आबादी ओबीसी की है उसके हिसाब से प्राइवेट सेक्टर में 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए। ओबीसी वर्ग के लोगों को ठेके की नौकरी की बजाय पक्की नौकरी दी जानी चाहिए। विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति : अनुसूचित जाति-जनजाति की तर्ज पर अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को भी छात्रवृत्ति प्रदान की जाए। निजीकरण को बंद किया जाए : भाजपा सरकार द्वारा सरकारी संस्थाओं जैसे एयरपोर्ट, बंदरगाह, लाल किला, एलआईसी, रेलवे, बहल इत्यादि का निजीकरण किया जा रहा है। यह सब आरक्षण खत्म करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है इसलिए हमारी गुजारिश है कि देश में निजीकरण बंद किया जाए।

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