रायपुर! प्रदेशभर के निर्माण विभागों में छत्तीसगढ़ कॉन्टैक्टर्स एसोसिएशन का अनेक मांगों को लेकर 1 महीने से लगातार टेंडर बहिष्कार जारी है! इससे आगामी निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह से चौपट हो गई है! एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने तीव्र रोष व्यक्त करते हुए कहा है अफसरशाही के रवैया के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है! इसे लेकर 20 जून को एक बार फिर प्रदेश स्तरीय बैठक में रणनीति बनाई जाएगी!
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में कहा है कि टेंडर बहिष्कार का काफी असर होने वाले निर्माण कार्य पर पड़ रहा है! इससे विकास अवरुद्ध हो गया है! इसके लिए पूरी तरह से निर्माण विभागों के अधिकारी जिम्मेदार है! एसोसिएशन के अध्यक्ष बीरेश शुक्ला का कहना है कि जल संसाधन और पीडब्ल्यूडी जैसे बड़े निर्माण विभागों के प्रमुख अभियंताओं के साथ कई दौर की बैठक में मुख्य रूप से सात सात मांगों पर सहमति बने हुए 15 दिन बीत गए! परंतु आज तक उन मुद्दों के निराकरण के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने में आनाकानी की जा रही है! यही वजह है कि टेंडर बहिष्कार का आंदोलन समाप्त होने की बजाये पूरी तरह से ठप हो चुका है! अफसरों के इस तरह के रवैया से एसोसिएशन में भारी रोष है इस बात को लेकर कि जब बैठक में अनेक मांगों पर सहमति बन गई है तो उसके निराकरण में विलंब क्यों किया जा रहा है! जबकि एसोसिएशन के संघर्ष का असर निर्माण कार्यों पर पड़ रहा है!
निराकरण होने तक नहीं हटेंगे पीछे
छत्तीसगढ़ कॉन्टैक्टर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बीरेश शुक्ला ने जारी बयान में साफ किया है कि जब तक उनकी मांगों का प्रस्ताव प्रमुख अधिकारियों द्वारा शासन को नहीं भेजा जाता है, तब तक प्रदेश भर में टेंडर बहिष्कार जारी रहेगा! इसमें एसोसिएशन पीछे हटने वाला नहीं है! अध्यक्ष शुक्ला ने बताया कि अफसरों के उदासीन रवैया के मुद्दे को लेकर 20 जून को एक बार फिर प्रदेश स्तरीय बैठक समस्त पदाधिकारियों और सदस्यों के बीच होगी! इस बैठक में निर्माण विभागों के प्रमुखों को घेराव करने के संबंध में सर्वसम्मति से निर्णय संभव है, ताकि जल्द से जल्द जिन मांगों पर सहमति बनी है, उसका प्रस्ताव शासन तक पहुंचने में निराकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने के साथ ही टेंडर बहिष्कार समाप्त होने का रास्ता साफ हो सके!