कपड़े पर जीएसटी दर वृद्धि के स्थगन के बाद कैट ने फुटवियर पर भी कर वृद्वि स्थगन की मांग की…….कैट ने उठाई एक संयुक्त समिति गठित करने की माँग

92

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि जीएसटी काउन्सिल द्वारा कपड़े पर जीएसटी की कर दर वृद्धि को स्थगित किए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने कहा की इस फ़ैसले से देश भर में लगभग 90 लाख कपड़ा व्यापारियों एवं टेक्सटाइल से जुड़े अन्य कामों को करने वाले लोगो को तत्कालिक राहत मिली है वहीं दूसरी ओर देश की 85 प्रतिशत से अधिक जनता पर कर वृद्धि का बोझ फ़िलहाल हटा है। कैट ने वित्त मंत्री से आग्रह किया है की टेक्सटाइल की तरह फुटवियर भी ऐसा दूसरा सेक्टर है जिसमें देश के 85 प्रतिशत से ज्यादा लोग एक हजार रुपये से कम की फुटवियर पहनते है, लिहाजा फुटवियर पर भी कर वृद्धि को भी स्थगित किया जाए।
कैट ने इस फ़ैसले के लिए जहां केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन एवं कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल का आभार व्यक्त किया है वहीं पूर्व केंद्रीय वस्त्र मंत्री एवं वर्तमान में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी के सहयोग की सराहना करते हुए उनके अथक प्रयासों के प्रति भी धन्यवाद प्रकट किया है। कैट ने वित्त मंत्री श्रीमती सीथारमन से आग्रह किया है की जीएसटी की टैक्स कमेटी को इस मुद्दे पर विचार करने हेतु भेजे जाने का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इसी कमेटी ने कपडे पर 12 प्रतिशत कर दर लगाने की सिफारिश की थी, इसलिए उनका नजरिया निष्पक्ष नहीं हो सकता है। इस दृष्टि से कैट ने उनसे आग्रह किया है की इस मुद्दे पर तार्किक एवं निष्पक्ष चर्चा तथा इस निर्णय के गुण-दोषों पर साफ़ बातचीत के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में एक संयुक्त कमेटी का गठन किया जाये जिसमें वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यापारी प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए तथा एक समयबद्ध सीमा में इस विषय पर सिफ़ारिशें देने को कहा जाए ।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा की चूँकि यह निर्णय वापिस नहीं हुआ है बल्कि कुछ समय के लिए स्थगित हुआ है , इस दृष्टि से कैट ने इस विषय तथा जीएसटी से संबंधित व्यापारियों के अन्य विषयों की लेकर पूरे देश में एक राष्ट्रीय चर्चा कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा की जब तक यह निर्णय वापिस नहीं हो जाता तब तक कैट के नेतृत्व में देश भर के व्यापारी चुप बैठने वाले नहीं है। श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया कि इस हेतु कैट ने एक राष्ट्रीय वस्त्र कमेटी का गठन किया है जिसके चेयरमैन दिल्ली के वरिष्ठ व्यापारी नेता श्री सुभाष गोयल तथा अध्यक्ष श्री सुरेश बिंदल होंगे तथा सूरत के प्रमुख व्यापारी नेता श्री प्रमोद भगत एवं दिल्ली रेडीमेड गारमेंट्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सतवंत सिंह संयोजक होंगे।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की इस कमेटी के अन्य सदस्यों में सूरत से श्री भरत गांधी एवं चंपालाल बोथरा, लुधियाना से श्री संतोष कुमार, श्री अमित कालरा, कानपुर, श्री विजय मंगवानी, रायपुर, श्री इन्द्र चंद, कोयमबैटोर, श्री विनोद कांकाणी, इचलकरंजी, श्री सुरेंद्र बज, जयपुर, श्री सचिन शिवगुने, पूना, श्री शंकर ठक्कर, मुंबई, श्री मुकेश अरोरा, धनबाद आदि शामिल हैं ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की यह कमेटी देश के सभी प्रमुख कपडा मंडियों से बातचीत कर केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्रियों से बात कर इस वृद्धि पर व्यापारियों का पक्ष रख कर इसको वापिस लिए जाने का मजबूत केस बनाएगी ।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
IMG 20240420 WA0009
बेतरतीन जीएसटी पोर्टल और नियम एवं क़ानून की बहुलता ने जीएसटी को जटिल बना दिया - कैट