कैट ने अमेज़न के वकीलों द्वारा अधिकारियों को रिश्वत दिए जाने की रिपोर्ट की सीबीआई जांच की मांग की

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कैट अमरीकी संस्था एसईसी और अमेज़न बोर्ड से स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच की मांग भी करेगा
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया किएक समाचार एजेंसी के खुलासे जिसमे “अमेज़ॅन व्हिसलब्लोअर ने आरोप लगाया कि भारत के वकीलों ने अधिकारियों को रिश्वत दी है“, की सीबीआई जांच की मांग करते हुए केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल को आज भेजे गए एक पत्र में कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा की वो अलग से श्री गैरी जेनसेटर, अध्यक्ष, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन जो अमरीकी क़ानून एफ़सीपीए की जांच संस्था है और साथ ही अमेज़ॅन बोर्ड की कॉर्पोरेट गवर्नेंस कमेटी को इस सनसनीखेज खुलासे की निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच कराये जाने की मांग कर रहा है।

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कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी और प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने कहा की सीबीआई जांच में उन अधिकारियों की पहचान कर उनके नामों को भी सार्वजनिक करने की मांग की है, जिन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के भ्रस्टाचार को समाप्त करने की घोषणा के विपरीत काम करने का दुस्साहस किया है। ऐसे अधिकारी जो इस रिश्वत काण्ड में शामिल हैं को कड़े से कड़ा दंड दिया जाना चाहिए जिससे अन्य अधिकारी ऐसा करने का साहस न कर सकें।
श्री पारवानी और श्री दोशी ने श्री गोयल को भेजे पत्र में कहा कि यह बेहद आश्चर्यजनक है कि ये खबर एक सनसनीखेज तथ्य को उजागर करती है कि अमेज़ॅन के वकीलों ने सरकारी अधिकारियों को अमेजॅ़न को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत दी है और वो भी ऐसे समय में जब सीसीआई और ईडी अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच कर रहे हैं।इस खबर ने निश्चित रूप से सरकारी अधिकारियों को जांच के घेरे में ला खड़ा किया है और इसलिए तत्काल सीबीआई जांच की आवश्यकता है और जांच होने तक अमेज़ॅन को अपने ई-कॉमर्स पोर्टल और अन्य संबंधित गतिविधियों को निलंबित करने का निर्देश भी दिया जाना चाहिए।
यह बताते हुए कि सीबीआई जांच की आवश्यकता क्यों है, श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि मामला सरकार की विश्वसनीयता और सरकार के भीतर सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी की स्पष्ट दृष्टि से संबंधित है। उन्होंने कहा की यह भी पता लगाया जाए कि कथित रिश्वतखोरी का संबंध अमेज़ॅन द्वारा कानून और नियमों के निरंतर उल्लंघन से संबंधित है या नही।क्यों कि इस खबर में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की बात अमेज़ॅन ने स्वयं मानी है इसलिए भारतीय ई-कॉमर्स बाजार और खुदरा व्यापार को उनके अनुचित प्रभाव, प्रभुत्व के दुरुपयोग और सरकारी अधिकारियों के साथ मिलीभगत से बचाने के लिए उपरोक्त कदम बहुत आवश्यक हैं।
कैट ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सरकार के भीतर सभी स्तरों पर व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए हमेशा स्पष्ट रहे हैं। लेकिन अगर खबर सच है तो यह प्रधानमंत्री की पहल के लिए एक बड़ा झटका होगा कि सरकार की नाक के नीचे अधिकारी रिश्वत के बदले अपने स्वार्थ के लिए अमेज़न का बचाव कर रहे हैं या उसको लाभ दे रहें हैं। सीबीआई को इसके सभी पहलुओं की जांच एक समयबध्द सीमा में करनी जरूरी है।

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