छ.ग. गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाने वाला पहला राज्य कैट ने मुख्यमंत्री  का किया आभार और आगे भी रोक लगाने की मांग

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू, विक्रम सिंहदेव, महामंत्री जितेंद्र दोशी, कार्यकारी महामंत्री परमानंद जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिया प्रभारी संजय चैबे ने बताया कि कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल और सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भेजे एक पत्र बेहद क्षोभ जाहिर करते हुए कहा की वर्तमान कोरोना संकट काल में भी अनेक ई कॉमर्स कंपनियां अपनी आदत के मुताबिक विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए गैर जरूरी सामान की बिक्री करते हुए उन्हें वितरित कर रही हैं। कैट ने कहा कि लॉकडाउन का एकमात्र उद्देश्य लोगों के बीच सामाजिक एवं शारीरिक दूरी रख कर कोविड -19 वायरस को और अधिक फैलने से रोकना है और इसीलिए गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री न हो इसके लिए ऐसे सभी राज्यों में दुकानों को बंद करने का आदेश देना तथा ई कॉमर्स के माध्यम से भी इन वस्तुओं की बिक्री को रोकना कोविड दिशानिर्देशों में शामिल है।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने कहा कि राज्य सरकार के हर आदेश को मानते हुए राज्य में व्यापारिक समुदाय ने अपनी दुकानें और मार्केटों को बंद रखा हुआ है जबकि ऐसा करने पर उन्हें बड़े व्यापार का नुक्सान हो रहा है।
इसी कड़ी में श्री पारवानी ने माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना के प्रकोप से उत्पन्न विनाशकारी आपदा को कम करने के लिए और इस कठिन समय में छत्तीसगढ़ के नागरिकों की रक्षा के लिए आपके नेतृत्व में किए गए उपायों एवं राज्य में गैर जरूरी वस्तुओं की बिक्री पर रोक लगाने के लिए आभार व्यक्त करते हैं । हमें यकीन है कि आपके द्वारा अपनाये जाने वाले ये सहायक उपाय हमारे राज्य में कोरोना को नियंत्रित करने में मदद करेंगे । उन्होनें आगे कहा कि आपके द्वारा इस कठिन समय में राज्य के व्यापारियों के हित में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम जिसमें आपके द्वारा

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ई-कामर्स यथा अमेजाॅन, फिलपकार्ट द्वारा इस लाॅकडाउन अवधि में गैर आवश्यक सामान की होम डिलीवरी पर त्वरित निर्णय लेते हुए तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया गया इससे राज्य का व्यापारी वर्ग अभिभूत है। श्री पारवानी ने माननीय मुख्यमंत्री जी से अुनरोध करते हुए कहा कि ई-कामर्स यथा अमेजाॅन, फिलपकार्ट द्वारा गैर आवश्यक सामान की होम डिलीवरी पर राज्य में आगे भी कोविड -19 को देखते हुए प्रतिबंध लगाया जाये।
कैट सी.जी.चैप्टर के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष श्री विक्रम सिंहदेव ने कहा कि ई-कॉमर्स के माध्यम से गैर-आवश्यक वस्तुओं की बिक्री से लोगों के लिए वायरस के संपर्क में आने और फैलने का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। इन वस्तुओं की डिलीवरी में लगे कमजोर वर्गों के लोग जो बमुश्किल अपना जीवन यापन कर रहे हैं का जीवन जोखिम में डालने वाला है क्योंकि डिलीवरी करने वाले ये लोग एक ही दिन में अलग अलग घरों में जाते हैं और पता ही नहीं लगता की कहाँ से संक्रमित हो जाते हैं या संक्रमण फैलाते हैं। बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कुछ रुपये कमाने के लिए भारतीय नागरिकों के जीवन को खतरे में डालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है ज्ञातव्य है की विभिन्न ई कॉमर्स कंपनियों के व्यापार के तरीकों की जांच भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा की जा रही है और विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम . 1999 के उल्लंघन के लिए प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है
श्री पारवानी ने आगे कहा की देश भर के व्यापारी इस बात को लेकर बहुत परेशान हैं कि पिछले लंबे समय से ये ई-कॉमर्स कंपनियां बिना किसी डर के कानून और नीति का उल्लंघन कर रही हैं और उनके खिलाफ अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है जिससे व्यापारियों को यह मानने के लिए मजबूर कर दिया है कि नियमों और नीति का अनुपालन केवल व्यापारियों के लिए लागू होता है और इन कंपनियों को नियमों का उल्लंघन करने और ई-कॉमर्स पर ही नहीं बल्कि भारत के खुदरा व्यापार पर नियंत्रण करने और हावी होने के लिए सम्पूर्ण अनुमति दे दी गई है
धन्यवाद

 

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