नेपाल सरकार का बड़ा फैसला: फेसबुक, एक्स और यूट्यूब समेत 23 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन

काठमांडू। नेपाल सरकार ने डिजिटल दुनिया को झकझोर देने वाला फैसला लिया है। सरकार ने फेसबुक, एक्स (ट्विटर) और यूट्यूब जैसे दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स समेत कुल 23 साइट्स को देश में बैन करने का आदेश जारी किया है।

 

ये भी पढ़ें – शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी, जाने क्या है मामला

 

सरकार का कहना है कि ये कंपनियां बार-बार चेतावनी और नोटिस दिए जाने के बावजूद नेपाल में रजिस्ट्रेशन कराने में विफल रही हैं। नेपाल सरकार ने यह कदम देश में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है।


सरकार का आदेश: तुरंत ब्लॉक किए जाएं प्लेटफॉर्म

नेपाल के संचार एवं सूचना मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग ने गुरुवार को प्रेस वार्ता में कहा कि सरकार ने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण को आदेश दिया है कि जो भी सोशल मीडिया कंपनियां सरकार के पास रजिस्टर्ड नहीं हैं, उन्हें तुरंत ब्लॉक कर दिया जाए।

मंत्री ने बताया कि सरकार ने कंपनियों को बार-बार नोटिस जारी कर चेताया था, लेकिन समय सीमा खत्म होने के बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।


TikTok और वाइबर को मिली राहत

रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल में TikTok, वाइबर और तीन अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को फिलहाल संचालित करने की अनुमति दी गई है, क्योंकि इन्होंने नेपाल सरकार के नियमों का पालन करते हुए रजिस्ट्रेशन पूरा कर लिया है।

इसके अलावा सरकार ने इन कंपनियों को देश में लायजन ऑफिस (संपर्क कार्यालय) खोलने का भी निर्देश दिया है, ताकि इनकी गतिविधियों की सीधी निगरानी की जा सके।


संसद में पेश हुआ नया बिल

नेपाल सरकार ने संसद में एक नया बिल पेश किया है, जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया कंपनियों को कानून के दायरे में लाना है। इस बिल में कंपनियों की गतिविधियों की निगरानी, जिम्मेदारी और जवाबदेही सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है।

हालांकि, इस बिल को लेकर नेपाल में विवाद गहरा गया है। विपक्षी दलों और अधिकार समूहों का कहना है कि यह कदम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीधा हमला है और इससे नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित होंगे।


आलोचना और सेंसरशिप का विवाद

मानवाधिकार समूहों ने इस आदेश की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार सोशल मीडिया पर सेंसरशिप थोपना चाहती है। उनका मानना है कि यह कानून विरोध की आवाज़ दबाने और सरकार की आलोचना करने वाले लोगों को निशाना बनाने का एक तरीका हो सकता है।

वहीं सरकार का तर्क है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरें, गलत सूचना, आपत्तिजनक सामग्री और अफवाहें तेजी से फैलती हैं। इससे समाज में अशांति फैल सकती है। ऐसे में कंपनियों को अपनी जिम्मेदारी तय करनी होगी कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर क्या पब्लिश कर रही हैं।

अब नेपाल में लाखों यूजर्स फेसबुक, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स से कट जाएंगे। इससे लोगों के रोजमर्रा के डिजिटल जीवन और व्यवसाय पर बड़ा असर पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि अगर ये कंपनियां नेपाल में रजिस्ट्रेशन और ऑफिस खोलने की प्रक्रिया पूरी करती हैं, तभी उन्हें फिर से संचालन की अनुमति दी जाएगी।

Advertisement