भारत का बड़ा एक्शन, 48 घंटे में भारत छोड़े पाकिस्तानी, अटारी बॉर्डर बंद और वीजा रद्द, CCS की बैठक में पाकिस्तान पर 5 सख्त फैसले,पढ़ें पूरी खबर

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहल्गाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हुए। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार शाम कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक बुलाई गई।

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इस अहम बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के साथ गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल भी मौजूद थे। बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए पांच सख्त फैसलों की जानकारी दी।

 

CCS की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए 5 बड़े फैसले

सिंधु जल संधि स्थगित
विदेश सचिव ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया गया है। यह तब तक लागू नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देना पूरी तरह से नहीं छोड़ देता।

अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट बंद
भारत और पाकिस्तान के बीच एकमात्र सक्रिय चेकपोस्ट अटारी बॉर्डर को तुरंत बंद कर दिया जाएगा। केवल वे लोग जिन्हें वैध अनुमति मिल चुकी है, वे 1 मई 2025 तक वापस आ सकेंगे।

SAARC वीजा छूट योजना (SVES) रद्द
अब पाकिस्तानी नागरिक SAARC वीजा छूट योजना के तहत भारत की यात्रा नहीं कर सकेंगे। पहले से जारी सभी वीजा रद्द माने जाएंगे और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के अंदर देश छोड़ना होगा।

पाक उच्चायोग के सैन्य अधिकारी ‘अवांछित’ घोषित
नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को ‘persona non grata’ घोषित किया गया है। उन्हें 7 दिन के भीतर भारत छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

भारतीय रक्षा अधिकारियों को इस्लामाबाद से बुलाया जाएगा
भारत ने इस्लामाबाद में स्थित अपने उच्चायोग से सभी रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही इन पदों को तत्काल प्रभाव से निरस्त माना जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी हमले के बाद सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर बुधवार सुबह जल्दी भारत लौटे. उन्होंने एयरपोर्ट पर उतरते ही विदेश मंत्री जयशंकर और NSA डोभाल के साथ तत्काल बैठक की, जिसमें विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री भी शामिल हुए।

CCS के इन फैसलों से यह साफ है कि भारत अब पाकिस्तान के साथ किसी भी स्तर पर सामान्य संबंध बनाए रखने के लिए तैयार नहीं है, जब तक कि सीमा पार आतंकवाद पूरी तरह से बंद नहीं होता।

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