महिला पुलिस अधिकारी भी अपने हक के लिए आयोग में आवेदन कर सकती है ………….बच्ची के परवरिश में कोताही बरतने पर अपराधिक प्रकरण दर्ज होगा

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छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने शास्त्री चौक रायपुर स्थित आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित प्रकरणों पर आज जन-सुनवाई आयोग के अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक ने की।
प्रस्तुत एक प्रकरण में पहले पति से आवेदिका की बच्ची है,यह पूर्वज्ञान होते हुए भी अनावेदक ने उससे आर्य समाज में शादी की।अब अनावेदक बच्ची के पालन-पोषण के लिये मना करने को अध्यक्ष ने गंभीरता से लिया।उन्होंने अनावेदक को समझाइश दिया कि आवेदिका को सम्मानपूर्वक रखें। इसके साथ ही इस प्रकरण में उन्होंने आयोग की काउंसलर को दोनों पक्षों की निगरानी के लिये नियुक्त किया। निगरानी के आधार पर आगामी दिनांक को पुनः उपस्थित होने कहा। अनावेदक द्वारा तय निगरानी दिनों में कोई भी दुर्व्यवहार किया जाता है,तो अनावेदक और उसके परिजनों के खिलाफ प्रताड़ना का प्रकरण पंजीबद्ध कर दिया जायेगा।
एक अन्य महत्वपूर्ण प्रकरण में आवेदिका को पुस्तैनी सम्पत्ति में हिस्सा नहीं दिये जाने को लेकर है। इसमे अनावेदकगणों ने आयोग के समक्ष हर बार अलग-अलग तरह के वक्तव्य दिये है। सम्पूर्ण विवाद पारिवारिक सम्पत्ति को लेकर हैं जिसमें आवेदिका और उसके बच्चों का हक नियमित रूप से नहीं दिया जा रहा है और अनावेदको द्वारा झूठ, बहानेबाजी का सहारा लिया जा रहा है। अध्यक्ष ने संयुक्त सम्पत्ति सेंट्रल लाॅज के मालिकाना हक और आमदनी में आवेदिका का हिस्सा तय करने के लिये आगामी सुनवाई दिनांक पर आवेदिका के साथ समस्त दस्तावेज, आयकर खाता और साथ में अपने चाचा को दिये जाने वाले हिस्से से संबंधित दस्तावेज और चाचा तथा मां को लेकर आवश्यक रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए। आवेदिका के हक के पैसे उनको नहीं दिया जाना एक तरह से प्रताड़ना ही है। राशि से संबंधित दस्तावेज लेकर अनावेदक उपस्थित होंगे तथा अनुपस्थिति की दशा में यह माना जायेगा कि अनावेदकगण जानबूझकर आवेदिका की सम्पत्ति हड़पने के लिये हथकंडे कर रहे है और उनके खिलाफ आपराधिक मामला कर रहे हैं। इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखने के निर्देश दिए।
इसी तरह एक अन्य महत्वपुर्ण प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदिका आई.पी.एस. आफिसर और उनके साथ के अन्य लोगों के ऊपर अभद्र व्यवहार किये जाने की शिकायत की है। उसी तारीख को आवेदिका के पुत्र को ड्रग पैडलिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। जिसके विभिन्न बिन्दुओं को आवेदिका के द्वारा प्रश्नांकित किया जा रहा है जो कि आयोग के क्षेत्राधिकार का विषय नहीं है। इसी स्तर पर अनावेदिका ने आयोग के समक्ष प्रस्तुत अपना आवेदन आवेदिका के विरूद्ध प्रस्तुत किया गया है। जिसमें आवेदिका ने फेसबुक के एकाउंट से अनावेदिका की छवि को खराब करने और उसकी वर्दी को लेकर कई तरह की टिप्पणी की है।जिसपर अनावेदिका पुलिस अधिकारी ने अपने हक व अधिकारियों को आयोग के समक्ष एक आवेदन भी प्रस्तुत किया, इस पूरी प्रक्रिया में आवेदिका ने यह स्वीकार किया कि उनके द्वारा की गई शिकायत पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के द्वारा जांच जारी है। आवेदिका ने स्वयं कहा कि उन्होंने बेटे की गिरफ्तारी और अपने साथ हुये अभद्र व्यवहार दोनों की शिकायत पुलिस अधीक्षक से किया था। आवेदिका को समझाइश दिया गया कि आगामी सुनवाई में पुलिस अधीक्षक को दी गई शिकायत की प्रति लेकर आयोग के समक्ष प्रस्तुत हो। आयोग के समक्ष उपस्थित शिकायत और पुलिस अधीक्षक के समक्ष शिकायत के बिन्दुओं का अवलोकन कर ही आगामी कार्यवाही पर निर्णय किया जावेगा। इस बीच आवेदिका अपने गवाहों के बयान शपथ पत्र में प्रस्तुत कर सकेगी। उक्त बयान की एक प्रति अनावेदिका को दिया जायेगा उनके खिलाफ भी जवाब लिये जा सकेंगे। इस प्रकरण का निराकरण आगामी सुनवाई में किया जाएगा।
एक अन्य प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका के पति, देवर, ससुर, जेठ और गांव का रिश्तेदार सभी उपस्थित आवेदिका ने कहा कि गांव का रिश्तेदार रात में मेरे नम्बर पर फोन करता है। उसके कारण पति और घरवाले मेेरे साथ मारपीट करते है और गांव का रिश्तेदार दो लाख रूपये दिया हूं,यह कहकर गांव में बदनाम करता है। आयोग द्वारा कड़ाई से पूछताछ किये जाने पर माफी मांगी है और उसने कहा है कि दो लाख रूपये की बात नहीं की है और मैं यह स्वीकार करता हूं। इस बिन्दू पर अन्य अनावेदकगणो को समझाइश दिया गया कि गांव का रिश्तेदार को लेकर लड़ाई-झगड़ा न करें और आवेदिका को सम्मानपूर्वक रखें। अध्यक्ष ने इस पूरे प्रकरण की निगरानी आयोग द्वारा करने कहा।
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक पर आरोप लगाया कि अनावेदक आवेदिका की छोटी बहन को अवैध रूप से अपने साथ रखा हुआ है। 2 बच्चों के साथ आवेदिका अपने मायके में रह रही है। आयोग के द्वारा समझाइश दिये जाने पर आवेदिका की छोटी बहन ने आवेदिका से माफी मांगा और भविष्य में अनावेदक से किसी भी तरह से संबंध रखने से इंकार किया। अनावेदक अपने 2 बच्चों के लिये 5 हज़ार रूपये नियमित रूप से देगा एक माह भी पैसे देने से हिलाहवाला करने पर आवेदिका और उसकी बहन की खिलाफ पुलिस थाना में रिपोर्ट दर्ज करा सकेगी।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अनावेदक के प्रताड़ना के कारण उसके साथ रहने को तैयार नहीं है। अनावेदक आवेदिका के समस्त समान गहने देने हेतु तैयार हुआ साथ ही भरण-पोषण राशि तीन हजार रूपये आवेदिका के बैंक खाते में देगा तथा तलाक हेतु एक वर्ष अलगाव जरूरी है इस हेतु इस प्रकरण के निराकरण होने तक मामले को निगरानी में रखा गया है।
ज्ञात हो आज चौथे दिन की जन सुनवाई के साथ ही रायपुर सम्भाग में 100 प्रकरण की सुनवाई पूरी हों गयी है।

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