माँ से मिली इंस्प्रेशन अभी बना रहे बड़ी पेंटिंग -यूनुस आर्ट गैलरी की ओर से एकल पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोन

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रायपुर। यूनुस आर्ट गैलरी चौबे कालोनी, रायपुर की ओर से शनिवार को एकल पेंटिंग प्रदर्षनी आयोजन किया गया। इस प्रदर्षनी में रायपुर शहर के युवा आर्टिस्ट सिघार्थ लुंकड की पेंटिंग प्रदर्शित की गई। प्रदर्शनी में सिघार्थ की बनाई द स्पाइडर एंड द फ्लाइ प्रदर्शित की गई।जो एग्युन डे ब्लास की पेंटिंग है। इस आर्ट को बनाने में सिघार्थ को लगभग डेढ साल लए गए। सिघार्थ ने बताया कि ऐसे पेंटिंग को बनाने में बहुत धेर्य की आवष्यकता होती है। क्योंकि ऐसी पेंटिंग में बहुत बारीकियां होती है। जिसे बनाने में बहुत वक्त लगता है।
उन्होंने बताया कि किसी भी पेंटिंग को करने के लिए हमें समय और धेर्य दोनों की आवश्यकता होती है। अगर कोई चाहे कि पेंटिंग बनाए और तुरंत हो जाए तो यह नहीं हो सकता। पेंटिंग करने में समय लगता है। तब जाकर एक अच्छी पेंटिंग तैयार होती है। जो लोगों को भाती है।
यूनुस आर्ट गैलरी के संस्थापक शेख यूनुस ने बताया कि पेंटिंग करने की इच्छा सभी को होती है। सभी के अंदर यह कला छुपी होती है। लेकिन बहुत कम ही लोग इस कला को जी पाते हैं। सिघार्थ उन्हीं में एक हैं। ये बहुत अच्छे आर्टिस्ट हैं। इन्होंने अभी तक इस पैटर्न पर लगभग पांच पेंटिंग बनाए हैं। और आभी एक पेंटिंग इसी पैटर्न का बना रहे हैं।
इस प्रदर्शनी को देखने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। जिसमें शहर के मशहूर आर्टिस्ट जयाश्री भगवानानी और माडल अधीर भगवानानी भी शामिल हुई।

-15 सालों से कर रहे पेंटिंग
सिघार्थ ने बताया कि पिछले 15 सालों से पेंटिंग कर रहे हैं उन्होंने बताया कि जब स्कूल में था उस समय पेंटिंग शुरु किया था और यह शिलशिला अभी तक जारी है।

-मां से मिली इंस्प्रेशन
कला को जिने और करने के लिए माहौल अनुकूल होना बहुत जरूरी है। मुझे एसा माहौल घर में मिला। सिघार्थ बताते हैं कि मेरी मम्मी को पेंटिंग की बहुत शौक है। वो अक्सर घर में पेंटिंग करते थे। मैं भी उन्ही को देखकर पेंटिंग करना सीखा। पेंटिंग की पहली तालीम मैंने अपनी मम्मी से ही लिया। उन्होंने समय समय पर मेरी हौसला अफजाई किया और पेंटिंग करने को कहती रही।

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