रायपुर बड़ी लापरवाही : सड़क किनारे सरेआम फेंका जा रहा खतरनाक बायो-मेडिकल वेस्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कई इलाकों में स्वास्थ्य और स्वच्छता के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसका ताजा उदाहरण नगर निगम जोन 09 के अंतर्गत आने वाले वार्ड नं. 11 स्थित मोवा-एफसीआई दलदलसिवनी मार्ग पर देखने को मिला, जहां सड़क किनारे फेंका जा रहा कचरा एक गंभीर जन-स्वास्थ्य संकट को जन्म दे रहा है।

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जब हमारे संवाददाता ने मौके का जायजा लिया, तो स्थिति की गंभीरता सामने आई। सड़क के किनारे प्लॉट में कचरे का अंबार लगा है, जिसमें सामान्य घरेलू और दुकानों के कचरे के साथ-साथ काफी मात्रा में खतरनाक बायो-मेडिकल वेस्ट भी फेंका गया है। इस ढेर में कांच के नुकीले टुकड़े, दवाइयों की टूटी-फूटी शीशियां और सबसे खतरनाक, इस्तेमाल की हुई सिरिंज भी बिखरी पड़ी हैं। यह जानलेवा कचरा यहां से गुजरने वाले बच्चों और कचरा बीनने वालों के लिए एक बड़े खतरे का सबब बन गया है, जो अनजाने में इन संक्रमित वस्तुओं के संपर्क में आकर गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि सफाई कर्मचारी इस क्षेत्र की पूरी तरह से अनदेखी कर रहे हैं, जिसके चलते यह मार्ग एक अघोषित डंपिंग यार्ड में तब्दील हो गया है।

विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार का मेडिकल वेस्ट  कई गंभीर संक्रामक रोगों का प्रमुख कारण बन सकता है। यह कचरा न केवल इंसानों, बल्कि भोजन की तलाश में भटकने वाले आवारा पशुओं के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।

यह लापरवाही इसलिए भी गंभीर है क्योंकि केंद्र सरकार के बायो-मेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट नियम के तहत, किसी भी स्वास्थ्य केंद्र से निकलने वाले बायो-मेडिकल कचरे को खुले में फेंकना एक दंडनीय अपराध है। नियमों के अनुसार, सभी अस्पतालों, क्लिनिकों और लैब को अपने कचरे का निपटान केवल अधिकृत एजेंसियों के माध्यम से ही करवाना अनिवार्य है और उल्लंघन करने वालों पर भारी जुर्माना व कानूनी कार्रवाई का स्पष्ट प्रावधान है।

यह स्थिति स्पष्ट रूप से दो स्तरों पर गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। एक ओर जहां यह चंद पैसे बचाने के लिए लोगों की जान जोखिम में डालने वाले अस्पतालों या क्लिनिकों की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को दर्शाती है, तो वहीं दूसरी ओर यह नगर निगम प्रशासन की उस गहरी उदासीनता को भी उजागर करती है, जो नियमों को लागू कराने और क्षेत्र को साफ रखने में पूरी तरह विफल रहा है।

इस मामले में तत्काल जागरूकता और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

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