रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस में भारतीय उत्पादों की जबरदस्त मांग

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि रूस एवं यूक्रेन के बीच हो रहे युद्ध तथा विश्व के अनेक देशों द्वारा रूस पर अनेक प्रतिबंध लगाए जाने के कारण अब रूस में भारतीय सामान की मांग तेजी से बढ़ी है और भारत के लिए अपने उत्पादों का रूस में बाजार बनाने का यह बड़ा अवसर भी है। ज्ञातव्य है की अब तक रूस को बढ़ी मात्रा में सामान अमरीका, इंग्लैंड तथा युरोपियन देशों द्वारा की जा रही थी और क्योंकि रूस पर प्रतिबंधों के चलते अब कोई भी देश रूस को सामान नहीं भेज रहे हैं। इस स्तिथि को ध्यान में रखते हुए कन्फेडरशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) से रूस के अनेक व्यापारिक संस्थानों ने भारतीय सामान के लिए संपर्क किया है वही भारत के व्यापारी भी रूस को भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के लिए बेहद इच्छुक है।

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कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की रूस में भारतीय उत्पादों की मांग बहुत तेजी से बढ़ी है और प्रथम चरण में फ्रूट जैम एवं जैली,, कॉर्नफ़्लेक्स, मूसली, चाय, कॉफ़ी पाउडर, चीनी,नमक एवं काली मिर्च के पाउच, मिल्क पाउडर, फल, सब्जी, चीज़, पास्ता का सामान, मक्खन, फ्रूट ड्रिंक, सूप का सामान, मसाले, शहद, बिस्किट्स, अचार, फ्रोज़न स्नैक्स, खाद्यान, केचप, ओट, रेडीमेड खाना, ब्रेड, चावल, बीन्स, कॉर्नफ्लोर पाउडर, सूप स्टिक्स, आलू के चिप्स आदि के सामान की विभिन्न पैकिंग में तुरंत आवश्यकता है।

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 में भारत एवं रूस के बीच कुल 8.1 बिलयन डॉलर का व्यापार हुआ जिसमें भारत से रूस को निर्यात 2.6 बिलियन डॉलर का था वही रूस से आयात 5.48 बिलियन डॉलर का था। वर्तमान अवसर से हम भारत से रूस को निर्यात का आंकड़ा तेजी से बढ़ा सकते हैं -कहा श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने ।
श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की प्राप्त जानकारी के अनुसार रूस ने अपने कुछ गिने चुने बैंकों को रूस में आयात होने वाले सामान के भुगतान के लिए विशेष रूप से अधिकृत किया है तथा सभी सामान का भुगतान डॉलर के स्थान पर रूस की करेंसी रूबल से किया जाएगा। यह भारतीय उत्पादों के लिए रूस के बाजार में अपनी पैठ जमाने का सबसे बढ़िया मौका है। कैट इस मामले में भारतीय निर्माताओं एवं व्यापारियों तथा रूस के व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम करेगा ।

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दोनों व्यापारी नेताओं ने बताया की प्राप्त जानकारी के अनुसार रूस एवं भारत ने स्विफ्ट जैसे एक पेमेंट प्लेटफार्म पर अपना कार्यक्रम पूर्ण कर लिया है । यह नया पेमेंट सिस्टम रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एवं रूस के वीईबी जो रूस का डेवलपमेंट कर्पोरशन है के मुख्यालय पर स्थापित होगा । यह नया पेमेंट सिस्टम अगले एक हफ्ते-दस दिनों में शुरू होने की संभावना है जिससे आयात एवं निर्यात के दस्तावेजों का रुपये एवं रूबल का निस्तारण हो सकेगा ।

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की इस विषय पर कैट ने देश के सभी राज्यों के चैप्टर को रूस से प्राप्त इस पहली सूची पर काम करने का आग्रह किया है ताकि से ज्यादा से ज्यादा भारतीय निर्माता एवं व्यापारी इसका लाभ उठाकर बढ़ी मात्रा में रूस को अपने उत्पाद निर्यात कर सकें । उन्होंने यह भी बताया की कैट ने रूस के अपने संपर्कों से यह भी कहा है की भारत के अन्य उत्पाद जैसे फुटवियर, खिलौने, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, अन्य खाद्यान्न, बिल्डर हार्डवेयर, कागज एवं स्टेशनरी, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर का सामान , चश्मे, साइकिल एवं साइकिल पार्ट्स, ऑटो पार्ट्स, जैसे अन्य उत्पादों की मांग के बारे में जानकारी मांगी है

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