शासकीय महिला पॉलीटेक्निक, बैरन बाजार, रायपुर में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन

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रायपुर। आज दिनाँक 02/08/2021 को शासकीय महिला पॉलीटेक्निक, बैरन बाजार, रायपुर में एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन Non-Verbal communication- Indispensable for effective communication विषय को लेकर किया गया । इस एक दिवसीय कार्यशाला में डॉ. आर. जी. गुप्ता, कार्यक्रम संरक्षक और प्राचार्य, महिला पॉलीटेक्निक, रायपुर, डॉ. सुमि गुहा, कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, महिला पॉलीटेक्निक, रायपुर, तथा डॉ. अनिल माँझी, सहायक प्राध्यापक, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर, कार्यक्रम संयोजक श्री आशीष सिंह ठाकुर, व्याख्याता, अंग्रेज़ी विभाग, वरिष्ठ प्राध्यापक गण, कर्मचारी, और तकरीबन 80 छात्राओं ने हिस्सा लिया । कार्यक्रम का शुभारंभ छात्रा ज्योति साहू द्वारा ज्ञानदायिनी माँ सरस्वती की वंदना से हुआ, तदुपरान्त डॉ. आर. जी. गुप्ता, कार्यक्रम संरक्षक और प्राचार्य, महिला पॉलीटेक्निक, रायपुर ने अपने उदबोधन में भरत मुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र के रस, भाव-भंगिमाओं, आदि के माध्यम से ग़ैर-शाब्दिक संचार के विषय में कहा कि, हमारी भाव-भंगिमाएँ कुदरती देन है, जिसे बनाने और पहचानने/समझने की कोशिश अनंत काल से अविरत जारी है । मगर आज के भौतिक युग में हम चेहरों-मोहरों से ज़्यादा स्क्रीन पर नज़रें जमाये रहते हैं । कहीं हमसे यह असाधारण क्षमता क्षीण होकर विलुप्त न हो जाये । तत्पश्चात डॉ. सुमि गुहा, कार्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष, अंग्रेज़ी विभाग, महिला पॉलीटेक्निक, रायपुर ने अपने उद्बोधन में कहा कि, ग़ैर-शाब्दिक संचार एक ऐसा गूढ़ विषय है, जो कहीं लिखा नहीं गया, किसी ने इसे पढ़ा नहीं परंतु, इसे समझते सभी हैं । जिसमें कि दैनिक जीवन से लेकर कार्यक्षेत्र तक समाहित हैं । उन्होंने कहा कि , जाने-अंजाने में हम सभी अपनी आंतरिक भावनाओं को इन्हीं के माध्यम से ज़ाहिर करते रहते हैं। फ़िर भी हम इन्हें और विकसित करने की कोशिश में लगे हुए हैं । यही कारण है, कि हमने इस बेहद ही संवेदनशील और अहम विषय को वेबिनार के लिए चुना है । इसके बाद कार्यशाला डॉ. अनिल माँझी, सहायक प्राध्यापक, शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय, रायपुर, जो कि विषय विशेषज्ञ, के रूप में शामिल रहे, उन्होंने अपने व्याख्यान में ग़ैर-शाब्दिक संचार के विभिन्न पहलुओं को छात्राओं के समक्ष रखकर सभी का ज्ञानवर्धन किया । उन्होंने कहा कि, ये दो प्रकार के होते हैं, स्टैटिक और डायनामिक । इनका संचार में अपना ही महत्व है । जिसके लिए गेस्चर, पॉस्चर, आई कॉन्टेक्ट इत्यादि महत्वपूर्ण हैं। इंटरव्यू रूम में आपके प्रवेश करने का तरीका, अभिवादन करने का तरीका,बैठना, बोलना, जवाब देते वक्त भाव-भंगिमाएँ बेहद अहम भूमिका अदा करते हैं। अंत में उन्होंने कहा कि, मनुष्य का चेहरा, दिल का आईना होता है, अतएव, हमें अपना बेहतर प्रतिरूप लोगों के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए । अंतिम चरण में प्रियांशी शर्मा और सृष्टि भटनागर, छात्राओं ने धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम को औपचारिक रूप से समाप्त किया । उक्त कार्यक्रम छात्राओं के उत्साह और प्रतिभगिता के कारण सफलता के चरम सीमा तक पहुँचा, सभी ने कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया ।

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