रायपुर | छत्तीसगढ में भाजपा को पूर्ण बहुमत है. जिसके बाद जल्द ही सरकार बनाने वाली है. बावजूद इसके उन राजनेताओं को सबब भी मिला है. जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभाया. छत्तीसगढ़ में भी ऐसे कई नाम है. कई चेहरे हैं जो चुनाव हार गए.
विधानसभा चुनाव के परिणाम ने इस बार ये साबित कर दिया है कि अगर सत्ता में रहना है तो बेहतर काम करते रहना पड़ेगा, बयान से नहीं बल्कि काम से कुर्सी मिलेगी. हार की समीक्षा तो लगातार होती रहेगी.. बावजूद इसके चुनाव परिणाम ने भूपेश सरकार में सुनामी ला दी है. भूपेश के भरोसे वाले सरकार के 13 में से 9 मंत्रियों से जनता ने भरोसे की बुनियाद छीन ली है.
मुख्यमंत्री पद के दावेदार और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव 94 वोट से हार गए, तो गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू 16642 वोट से और पीसीसी चीफ दीपक बैज 8370 वोट से हारे. वहीं कृषि मंत्री रविंद्र चौबे को पहली बार चुनाव लड़ रहे ईश्वर साहू ने उन्हें 5196 वोट से हराया .
पिछली बार रिकॉर्ड मतों से जीतने वाले मोहम्मद अकबर 39592 वोट से हार गए. इसके अलावा आरंग से मंत्री रहे शिवकुमार डहरिया ,नवागढ़ से गुरु रुद्र कुमार, सीतापुर से मंत्री अमरजीत भगत ,कोंडागांव से मंत्री मोहन मरकाम और कोरबा से जय सिंह अग्रवाल भी अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए.