कहां है चिकित्सा और शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले ईसाई मिशनरी?-नितिन लॉरेंस

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kabaadi chacha

 

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रायपुर/ आज पूरा भारत देश कोविड-19 संक्रमण के कारण त्राहि-त्राहि हो रहा है और इस संकट के समय में विभिन्न धार्मिक संगठन, विभिन्न धर्मों पर विश्वास करने वाले लोग अपने अपने अपने धार्मिक संस्थानों को सेवा के लिए समर्पित किए हुए हैं ।
देश के विभिन्न गुरुद्वारा, मस्जिद, जैन आश्रम आदि धार्मिक संगठन चिकित्सा सेवा का अनुपम उदाहरण बंन कर आज हमारे सामने हैं और वही हमारी ईसाई मिशनरी आज गायब है लापता हैं। पता नहीं आज वे कहां पर है ।
विरासत में हमें स्कूल अस्पताल और अरबों की संपत्ति मिली और हम उस पूर्वजों के किये सेवा के बल पर हम अपना मान और सम्मान करवाते हैं।
आज वे दावे खोखले से नजर आने लगेहैं ।
पता नहीं क्यों? आज मसीही संस्थान कैसे लोगों के हाथों में हैं और कैसे लोग के द्वारा संचालित हो रहा है? कि ये लोग सिर्फ अपना ही पेट भरने पर विश्वास करते हैं ।
और धन्य है मसीह समाज के मूक बधिर लोग जो इनके कुकर्म पर नजर नहीं डाल रहे हैं ।ऐसे कुकर्मी लोगों के पैर पर गिर रहे है ऐसे लोगों का साथ देना भी उतना ही दोषी है ।
इस परिस्थिति में भी पर्दा डालने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं ।
आज का समय यह है कि ऐसे लोग जो चिकित्सा और शिक्षा की सेवा के नाम पर सिर्फ अपना पेट भर रहे हैं। इनको समाज से निकाल देना चाहिए और हमारी खोई हुई मान और सम्मान जो सेवा के रूप में जानी जाती है उसे पुनः स्थापित करना चाहिए ।

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