किसी भी महिला के लिए गर्भावस्था सुखद अनुभूति होती है। खासकर, जब वह बच्चे को जन्म देकर मां और संपूर्ण महिला होने का एहसास करती है। बच्चे को जन्म देने के साथ ही महिला के जीवन में नई जिम्मदेारी भी जुड़ जाती है और वो है बच्चे की देखभाल। सबसे ज्यादा शिशु का शुरुआती दौर पर ध्यान रखना जरूरी होता है। गर्भनाल का ध्यान न रखने पर इंफेक्शन होने का खतरा होता है।
राजधानी रायपुर की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ सौभाग्य हॉस्पिटल मदर एवं चाइल्ड केयर सेंटर की संचालिका डॉ. शालिनी अग्रवाल ने बताया कि किस तरह गर्भनाल की देखभाल करें और शिशु को इंफेक्शन से बचाये।
सबसे पहले तो ये जानना जरूरी है की ये गर्भनाल अपने आप सूख जाती है इसलिए इसमें कुछ करने की जरुरत नहीं होती ध्यान रखे की बच्चे के इस हिस्से में कोई चोट न लगे जन्म के तुरंत बाद आपके बच्चे का गर्भनाल बिलकुल सफेद और चमकता हुआ नज़र आता है। अगले कुछ सप्ताह के बाद गर्भनाल मुरझाने लगता है। फिर सुख जाता है। इसका रंग धीरे धीरे ग्रे या काला भी हो जाता है। अंतत ये स्टम्प धीरे धीरे खुद खत्म हो जाता है। इसे सूखने और गिरने में 7 से 21 दिन लगते है।
गर्भनाल स्टम्प को ठण्डा किये हुवे उबले पानी में रुई के फाहे को भिगोकर इससे साफ़ करे। अगर क्लिप अभी भी जुड़ा हुआ है, तो क्लिप को धीरे से उठाये और साफ करे। इसके अलावा ये ध्यान रखे की वंहा से किसी तरह की दुर्गन्ध पस या लाल निशान यही दिख रहा है। तो ये इन्फेक्शन के भी लक्षण हो सकते है . ध्यान रहे की साफ करते समय ज्यादा जोर न लगाए यंहा इस बात को याद रखे की हल्का सूखा खून होना नार्मल है।
गर्मियों के मौसम में बच्चो को सूती कपडे पहनाये इससे उनका स्टम्प जल्दी सूखेगा अगर कपड़े का कोई धागा जाल में फस जाता है। तो उसे खींचने की कोशिश न करे, डायपर पहनाते समय डायपर का पिछला हिस्सा सामने की तरफ रखे ताकि वो नाभि से टच न हो इससे इस हिस्से में हवा जाती रहेगी और वो जल्द सूखेगा जहा तक संभव हो बच्चो को बाथटब में न नहलाये।
जब गर्भनाल गिर जाती है तो नाभि से खून और पीप आ सकती है। इस हिस्से पर हल्का जोर लगाकर साफ कपड़े और वाइप्स से हिस्से को साफ करे गर्भनाल के गिरने पर चिकित्सक की सलाह पर क्रीम का प्रयोग कर और अन्य तरह की दवाइयों से बचे अगर गर्भनाल के गिरने पर इस हिस्से से लगातार खून और पीप निकल रही है, और इसके आसपास का हिस्सा लाल रंग का हो गया है। तो आप तुरंत चिकित्सक के पास जाये।
आपको यह जानना आवश्यक है की गर्भनाल से जुड़े किन मामलो में आपके बच्चे को चिकित्सा की जरूरत है, अगर आप किसी तरह की ताप , सूजन , नाभि के आसपास लाल सा निशान या कुछ दुर्गन्धित स्त्राव हो तो बच्चे को तुरंत चिकित्सक के पास ले जाये
अगर गर्भनाल के आसपास त्वचा लाल गर्म सूजन नहीं हो लेकिन आप स्टम्प गिर जाने के बाद भी नाभि से लगातार हल्का हरा या पीला स्त्राव देख रहे हैं। तो यह गर्भनाल ग्रेन्युलोमा हो सकता है। इस स्तिथि में चिकित्सक द्वारा सिल्वर नाइट्रेट गर्भनाल में दिया जा सकता है , सिल्वर नाइट्रेट स्टम्प के पास टिशू को सूखा कर देता है. और धीरे धीरे नार्मल त्वचा वहां बनने लगती है
स्टाम्प के आसपास हल्का सूखे खून का होना नार्मल है. लेकिन अगर आपको गर्भनाल से निरंतर रक्तस्त्राव दिखाई दे तो ये चिंता की बात जरूर है तुरंत चिकित्सक से संपर्क करे।
बच्चे के नाभि के आसपास उभरा हुआ टिशू स्टम्प के गिरने के बाद दिखाई दे तो इसे गर्भनाल हर्निया कहते है, ज्यादातर ये खुद ब खुद ठीक हो जाते है लेकिन बच्चे को दर्द हो अथवा यह ठीक न हो तो चिकित्सक को ज़रूर दिखाए अगर बच्चे का गर्भनाल स्टम्प 4 सप्ताह में न खत्म हो तो चिकित्सक को जरूर संपर्क करे ये आपके बच्चे के इम्युन से जुड़ी समस्या भी हो सकती है।
डॉ शालिनी अग्रवाल
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ
सौभाग्य हॉस्पिटल
मदर एवं चाइल्ड केयर सेंटर रायपुर (छ .ग.)