रायपुर@ 9 साल के मासूम की मौत, मौतों का आँकड़ा बढ़ता रहा, पर प्रशासन कब जागेगा?

रायपुर/धरसीवां। यह सड़क कब तक लहू से लाल होती रहेगी? कब तक माताओं की गोद उजड़ती रहेगी? कब तक प्रशासन गूंगा और बहरा बना रहेगा? धरसीवां ब्लॉक के ग्राम पंचायत सांकरा में सड़क सुरक्षा की माँग अब सिर्फ निवेदन नहीं, बल्कि संघर्ष बन गई है। लगातार हो रही दुर्घटनाएँ और मासूम जिंदगियों का असमय अंत… यह पीड़ा अब असहनीय हो चुकी है।

 

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9 साल के मासूम की मौत ने उबाल दिया जनाक्रोश

मंगलवार को ग्रामीणों का गुस्सा सड़कों पर फूट पड़ा, जब एक नौ-दस साल के बच्चे की जान एक तेज़ रफ्तार ट्रक ने ले ली। हर दिन यहाँ कोई न कोई हादसा होता है, लेकिन आज की घटना ने गाँववालों का सब्र तोड़ दिया। चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन अब सिर्फ चेतावनी नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन को झकझोरने की आखिरी कोशिश बन गई है।

हमने सांसद से लेकर मंत्री तक गुहार लगाई, लेकिन जवाब शून्य

ग्रामवासियों ने प्रशासन से कई बार आवेदन देकर अंडर ब्रिज और भारी वाहनों पर नियंत्रण की माँग की, पर फाइलें कागजों में ही दबी रह गईं। गांव वालों ने बताया कि कलेक्टर,सांसद और विधायक को कई बार 8से बात से अवगत कराया और आवेदन दिया, यहाँ तक कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को भी ई मेल भेजा गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

अगर किसी वीआईपी की जान जाती तो अंडर ब्रिज एक रात में बन जाता

गाँववालों का आक्रोश जायज है—क्या उनकी ज़िंदगी की कोई कीमत नहीं? पाँच गाँवों की तकलीफ को अनदेखा किया जा रहा है। कोरोना से ज़्यादा मौतें यहाँ सड़क हादसों में हुई हैं। यह केवल आँकड़े नहीं, बल्कि हर घर की दहलीज़ पर फैला दर्द है।

अब मांग नहीं, संघर्ष होगा

ग्रामीणों ने साफ कहा कि अब सिर्फ माँग नहीं, बल्कि निर्णायक संघर्ष होगा। अंडर ब्रिज तुरंत बनाया जाए, ताकि इन हादसों पर रोक लगे। शासन-प्रशासन को जवाब देना होगा। अगर अब भी कोई सुनवाई नहीं हुई, तो यह लड़ाई और तीव्र होगी।

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