सुनील घनवट के नाम से प्रधानमंत्री कार्यालय को की गई फर्जी शिकायत – गंभीर धोखाधड़ी और बदनामी की साजिश


रायपुर। हिंदू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ राज्य समन्वयक श्री सुनील घनवट ने एक गंभीर आपराधिक प्रकरण का खुलासा करते हुए बताया कि उनके नाम से एक फर्जी शिकायत पत्र (पत्र क्रमांक/2025/अ-0187; दिनांक:25/04/25) प्रधानमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। इस शिकायत में उनका नाम, पद और एक नकली लेटरहेड का दुरुपयोग करते हुए गढ़े गए आरोपों के आधार पर एक सुनियोजित बदनामी अभियान चलाने का प्रयास किया गया है।


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श्री घनवट ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने ऐसी कोई शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय को नहीं भेजी है, न ही उन्होंने किसी को इस तरह की शिकायत भेजने का अधिकृत किया है। उस पत्र पर किया गया हस्ताक्षर उनका नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट जालसाजी (Forgery) है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इस फर्जी शिकायत में छत्तीसगढ़ शासन के कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री राम विचार नेताम तथा कुछ व्यापारियों राकेश अग्रवाल, मनोज अग्रवाल और सुनील अग्रवाल पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। इतना ही नहीं इस पत्र में भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का प्रयास करते हुए आरोपों को सनसनीखेज ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि इस फर्जी शिकायत का उद्देश्य न केवल श्री सुनील घनवट की छवि को धूमिल करना था, बल्कि राजनैतिक लाभ या द्वेष के चलते एक बड़े वर्ग को निशाना बनाकर राजनीतिक उथल-पुथल मचाना भी इसका हिस्सा रहा है।
श्री घनवट ने कहा, “यह पूरा कृत्य दूसरे के कंधे पर बंदूक रखकर गोली चलाने जैसा है। यह एक कायरतापूर्ण और आपराधिक मानसिकता से प्रेरित प्रयास है, जिससे मेरी सामाजिक और सार्वजनिक छवि को ठेस पहुँचाई गई है।” उन्होंने इस विषय में अपर पुलिस आयुक्त (अपराध), पुणे (महाराष्ट्र) के कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की है।
हिंदू जनजागृति समिति इस तरह की झूठी शिकायतों और चरित्र हनन के प्रयासों की कड़ी निंदा करती है और अपेक्षा करती है कि संबंधित प्रशासन इस मामले की निष्पक्ष जांच कर फर्जी शिकायत भेजने वालों को अविलंब न्याय के कठघरे में लाए।