छत्तीसगढ़ में मानसून का रौद्र रूप, मौसम विभाग ने जारी किया तीन दिनों का रेड अलर्ट, भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी!


रायपुर। बंगाल की खाड़ी में बने शक्तिशाली मौसम तंत्र ने अब पूरे छत्तीसगढ़ को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, जिसके चलते मानसून अपने रौद्र रूप में आ गया है। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर ने प्रदेश में अगले 72 घंटों के लिए भारी से अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी करते हुए नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी है। प्रदेश भर में अगले कुछ दिन मौसम का मिजाज बेहद चुनौतीपूर्ण रहने वाला है।
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आज, यानी 25 जुलाई को, प्रदेश के लगभग सभी स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा का अनुमान है, लेकिन चेतावनी कहीं ज़्यादा गंभीर है। मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के एक-दो स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा के साथ अत्यधिक भारी बारिश होने की प्रबल आशंका है। इस दौरान तेज गरज-चमक के साथ तूफानी हवाएं भी चल सकती हैं, जिसे देखते हुए आज के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
बारिश का यह खतरनाक सिलसिला यहीं नहीं थमेगा। कल 26 जुलाई और परसों 27 जुलाई को भी प्रदेश में मानसून की सक्रियता अपने चरम पर रहेगी। इन दोनों दिनों के लिए भी मौसम विभाग ने भारी से अति भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी रखा है। इस चेतावनी का सीधा मतलब है कि नदी-नाले उफान पर आ सकते हैं, कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन सकती है और निचले इलाकों में जलभराव की गंभीर समस्या पैदा हो सकती है।
सोमवार, 28 जुलाई से बारिश की तीव्रता में कुछ कमी आने के आसार हैं, लेकिन खतरा पूरी तरह टलेगा नहीं। उस दिन के लिए प्रदेश के कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना को देखते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके बाद 29 और 30 जुलाई को भी प्रदेश में बारिश का दौर जारी रहेगा।
अगर बीते 24 घंटों की बात करें, तो गुरुवार को प्रदेश के बिलासपुर, दुर्ग, सरगुजा और बस्तर संभागों में बादल जमकर बरसे। सबसे ज़्यादा बारिश जांजगीर-चांपा जिले में 174.0 मिलीमीटर दर्ज की गई। वहीं, बिलासपुर में 118.2 मिमी और पेंड्रा रोड में 94.2 मिमी बारिश ने जन-जीवन को प्रभावित किया। लगातार हो रही बारिश के चलते तापमान में भी गिरावट आई है। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की और गिरावट हो सकती है, जिससे मौसम में ठंडक घुल जाएगी।
मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे रेड अलर्ट की अवधि के दौरान पूरी तरह सतर्क रहें। नदी-नालों और जलभराव वाले क्षेत्रों में जाने से बचें। यदि बहुत आवश्यक न हो तो यात्रा टाल दें और किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहें। प्रशासन भी इस चेतावनी को लेकर पूरी तरह मुस्तैद है।











