भाजपा ने कहा- बजट को सपनों की सौदागरी, छलावों का दस्तावेज पेश करके प्रदेश सरकार जिम्मेदारियों से पलायन कर रही

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रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई ने सोमवार को प्रदेश विधानसभा में प्रस्तुत बजट को सपनों की सौदागरी बताते हुए कहा है कि यह बजट जमीनी सच्चाइयों से कोसों दूर है और प्रदेश सरकार ने एक बार फिर अपने राजनीतिक चरित्र के अनुरूप छलावों का दस्तावेज पेश करके अपनी जिम्मेदारियों से पलायन करने की मानसिकता का परिचय दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा वित्त मंत्री के तौर पर प्रस्तुत बजट में नया तो कुछ है ही नहीं, जो काम हाथ में लिए गए हैं, उनको पूरा करने की इच्छाशक्ति और भावना भी इस बजट में कहीं नजर नहीं आ रही है।

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भाजपा प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल, भूपेन्द्र सवन्नी व किरणदेव ने प्रदेश सरकार के बजट पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने बजट में रासि का जैसा प्रावधान किया है, उससे प्रदेश सरकार की नीयत और नीति को लेकर यह सवाल उठना लाजिमी है कि प्रदेश सरकार क्या वास्तव में कोई ठोस कार्य करने का इरादा रखती है या फिर बस बजट पेश करने की रस्म अदायगी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी कर रही है? उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार का यह बजट कोई नई आशा नहीं जगा रहा है। आम जनजीवन की सुविधाओं से जुड़ीं कई मदों में तो सरकार ने राशि का पर्याप्त प्रावधान तक नहीं किया है, जिसके चलते प्रदेश सरकार की योजनाएँ आखिरकार दम तोड़ने विवश हो जाएंगीं। यह पूरा बजट प्रदेश सरकार का वह सब्जबाग है, जहाँ आम आदमी अपना सब कुछ लुटाने के के विवश होगा।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा व प्रदेश किसान मोर्चा के अध्यक्ष श्यामबिहारी जायसवाल ने प्रदेश सरकार के बजट को किसानों के लिए निराशाजनक बताते हुए कहा कि किसानों के नाम पर सियासी नौटंकियां करके घड़ियाली आँसू बहाने वाली इस प्रदेश सरकार ने किसानों के लिए कोई राहत और उनके जीवन-स्तर को ऊपर उठाने की किसी महत्वाकांक्षी योजना की चर्चा तक नहीं की है। उन्होंनेे कहा कि कर्जमाफी और दो साल के बकाया बोनस भुगतान की धोखाधड़ी और वादाखिलाफी से लेकर धान खरीदी और समर्थन मूल्य की अंतर राशि के भुगतान तक किसानों के साथ कदम-कदम पर छल-कपट करने वाली प्रदेश सरकार ने किसानों को ऋणमुक्त जीवन की गारंटी देने के बजाय उन्हें एक बार ब्याजमुक्त ऋण देने का प्रावधान करके किसानों को कर्ज के जंजाल में उलझाए रखने का बंदोबस्त ही किया है। रकबा कटौती और गिरदावरी के नाम पर किसानों की पूरी उपज खरीदने से बचने के नित-नए षड्यंत्रों की कूट-रचना करने वाली कांग्रेस की यह प्रदेश सरकार अपनी किसान न्याय योजना, गौधन न्याय योजना समेत तमाम योजनाओं की मिट्टीपलीद होने के बावजूद आत्ममुग्ध होकर किसानों के साथ फिर छलावा करने पर आमादा नजर आ रही है।

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