CG Crime : पुलिस और साइबर सेल की बड़ी कार्रवाई: नकली Sony TV बेचने वाले दो ठग गिरफ्तार, 7.20 लाख की सामग्री जब्त


CG Crime : कोंडागांव। जिले में फेरी लगाकर नकली टेलीविजन बेचने वाले दो ठगों को कोंडागांव थाना पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी उत्तरप्रदेश से आकर छत्तीसगढ़ के भोले-भाले लोगों को सस्ते दाम में ब्रांडेड TV देने का झांसा देकर ठगते थे। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से 07 नकली टेलीविजन, एक सेंट्रो कार, पेनड्राइव और नकली स्टीकर बरामद किए हैं। जब्त सामग्री की कुल कीमत 7 लाख 20 हजार रुपये आंकी गई है।

शिकायत के बाद खुला फर्जीवाड़े का राज
मामला तब सामने आया जब एक प्रार्थी ने थाना कोंडागांव में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दो व्यक्ति फेरी लगाते हुए उसके घर आए और कम कीमत में Sony कंपनी का टेलीविजन बेचने की बात कही। प्रार्थी ने झांसे में आकर टीवी खरीद लिया लेकिन जब उसने टेलीविजन चालू किया, तो पता चला कि वह नकली है। इस पर कोंडागांव पुलिस ने अपराध क्रमांक 192/2025 धारा 318(4), 3(5) BNS के तहत मामला दर्ज कर लिया।
पुलिस और साइबर सेल की त्वरित कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए कोंडागांव पुलिस अधीक्षक श्री वाय अक्षय कुमार (IPS) ने तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री कौशलेंद्र देव पटेल और पुलिस अनुविभागीय अधिकारी श्री रूपेश कुमार के मार्गदर्शन तथा साइबर सेल प्रभारी सतीश भार्गव के पर्यवेक्षण में एक विशेष टीम गठित की गई।
मुखबिर की सूचना पर टीम ने कोंडागांव बस स्टैंड के पास से दोनों आरोपियों को घेराबंदी कर गिरफ्तार किया। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे किसी स्थानीय कंपनी के सस्ते टीवी खरीदते हैं, फिर उसका सॉफ्टवेयर और ब्रांडिंग बदलकर Sony कंपनी का बना देते हैं। नकली ब्रांडिंग और स्टीकर लगाकर लोगों को ठगते हैं।
गिरफ्तार आरोपी
- मो. सरफराज, पिता हुसैन अहमद, उम्र 37 वर्ष, निवासी मवाना, जिला मेरठ, उत्तरप्रदेश
- शान मोहम्मद उर्फ सोनू, पिता मो. अयूब, उम्र 35 वर्ष, निवासी मवाना, जिला मेरठ, उत्तरप्रदेश
जब्त सामान:
- 07 नकली Sony ब्रांडेड टेलीविजन
- 01 सेंट्रो कार (कीमत लगभग ₹4 लाख)
- सॉफ्टवेयर पेनड्राइव और नकली स्टीकर
- कुल बरामद सामग्री की कीमत: ₹7,20,000
सैकड़ों लोगों से ठगी की पुष्टि
पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कबूल किया कि वे अब तक बस्तर अंचल के सैकड़ों लोगों को इस तरह ठग चुके हैं। सॉफ्टवेयर और स्टिकर की मदद से वे नकली टीवी को हूबहू ब्रांडेड जैसा दिखाते और कम दाम में ज्यादा फायदे का लालच देकर ग्राहक को फंसाते थे।
न्यायिक रिमांड पर भेजा गया
दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। पुलिस मामले की आगे और जांच कर रही है ताकि अन्य ठगी पीड़ितों की पहचान की जा सके और गिरोह के अन्य सदस्यों तक भी पहुंचा जा सके।