ईडी का लालू प्रसाद के परिवार पर कसा शिकंजा

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kabaadi chacha

पटना. जमीन के बदले नौकरी मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा दावा किया है। इसके मुताबिक, राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी की गौशाला के एक पूर्व कर्मचारी ने रेलवे में नौकरी के इच्छुक व्यक्ति से संपत्ति हासिल की। बाद में उसने इसे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी हेमा यादव को सौंप दी। केंद्रीय एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में दिल्ली की एक अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था, जिसमें कुछ अन्य लोगों के अलावा लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती व हेमा यादव को आरोपी बनाया गया था। आरोप-पत्र में ED ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों के करीबी सहयोगी अमित कात्याल, घोटाले के कथित लाभार्थी व पूर्व गौशाला कर्मचारी हृदयानंद चौधरी नामजद किया था।

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सोमवार को ईडी ने मामले की जांच के तहत अपने पटना कार्यालय में 75 वर्षीय लालू प्रसाद से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया। उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को मामले में पूछताछ के लिए आज पटना बुलाया गया है। जांच इस आरोप से संबंधित है कि लालू प्रसाद ने केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA-1) सरकार में रेल मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप-डी के पदों पर नियुक्ति के लिए भ्रष्टाचार किया था।

‘रेलवे में नौकरी के बदले मांगी गई जमीन’
ईडी ने कहा कि सीबीआई की FIR और आरोप-पत्र के अनुसार, अभ्यर्थियों को रेलवे में नौकरी के बदले में रिश्वत के तौर पर जमीन देने के लिए कहा गया था। धनशोधन का मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है। ईडी ने कहा, ‘लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों (राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव ) को आरोपी बनाया गया था, उन्हें अभ्यर्थियों के परिवारों से नाममात्र राशि के बदले जमीन हासिल हुई थी। आरोप-पत्र में नामजद एक अन्य आरोपी हृदयानंद चौधरी राबड़ी देवी की गौशाला का पूर्व कर्मचारी है, जिसने एक अभ्यर्थी से संपत्ति हासिल की थी और बाद में उसे हेमा यादव को ट्रांसफर कर दिया था।’

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लैंड फॉर जॉब स्कैम को लेकर दिल्ली की कोर्ट ने पिछले हफ्ते आरोप-पत्र पर संज्ञान लिया। अदालत ने आरोपियों को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने के लिए 9 फरवरी को उसके सामने पेश होने के लिए कहा। बता दें कि लालू परिवार के करीबी सहयोगी अमित कात्याल को ईडी ने पिछले साल नवंबर में गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग केस में लालू प्रसाद और उनके परिवार की जानबूझकर सहायता करने का उस पर आरोप है। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद है।

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