मंत्री बनते ही पिता के पैर छूने अहिवारा पहुंचे गजेंद्र यादव



अहिवारा। गोवर्धन प्रसाद ताम्रकार: छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक महत्वपूर्ण दिन रहा, जब दुर्ग शहर के लोकप्रिय विधायक श्री गजेंद्र यादव ने राजधानी रायपुर में आयोजित एक भव्य समारोह में कैबिनेट मंत्री के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने से दुर्ग जिले, विशेषकर उनके गृह नगर अहिवारा में जश्न का माहौल है। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता अरुण वोरा को हराकर विधायक बने गजेंद्र यादव का मंत्री बनना उनके लंबे और संघर्षपूर्ण राजनीतिक जीवन का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जा रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह के लिए रायपुर रवाना होने से पहले, गजेंद्र यादव ने दुर्ग के प्रसिद्ध गणेश मंदिर और शिव मंदिर में पूजा-अर्चना कर ईश्वर का आशीर्वाद लिया। मंत्री पद की शपथ लेने के तुरंत बाद, वे सीधे अपने गृह नगर अहिवारा पहुंचे। यहाँ उनका मुख्य उद्देश्य अपने पिता, श्री बिसरा राम यादव, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के एक प्रमुख व्यक्ति रहे हैं, का आशीर्वाद लेना था।
अहिवारा में उनके पहुंचते ही हजारों की संख्या में समर्थकों और स्थानीय निवासियों की भीड़ उमड़ पड़ी। लोगों ने ढोल-नगाड़ों, आतिशबाजी और “गजेंद्र यादव जिंदाबाद” के नारों के साथ अपने ‘माटी पुत्र’ का जोरदार स्वागत किया। अहिवारा और आसपास के गांवों में उत्साह की लहर दौड़ गई। यह क्षण हर किसी के लिए बेहद गर्व का था।
गजेंद्र यादव का राजनीतिक सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 1996 में अपने छात्र जीवन से ही राजनीति में कदम रखा था। मात्र 21 साल की उम्र में वे अविभाजित मध्य प्रदेश के सबसे युवा पार्षद बनकर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय तब दिया, जब उन्होंने पांच बार के पार्षद और पूर्व उपमहापौर जैसे कद्दावर नेता को चुनाव में हराया।
पार्षद के रूप में अपनी जमीनी पकड़ बनाने के बाद उन्होंने संगठन में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उन्होंने ओबीसी समाज को संगठित और मजबूत करने के लिए कई सफल कार्यक्रम आयोजित किए, जिससे उनकी पहचान एक कद्दावर ओबीसी नेता के रूप में बनी।
गजेंद्र यादव को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता श्री बिसरा राम यादव आरएसएस के एक प्रमुख पदाधिकारी रहे हैं, जबकि उनके चाचा (छोटे भाई) श्री नरेंद्र यादव भी पिछले कार्यकाल में नगर पालिका अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें सार्वजनिक जीवन के लिए प्रेरित किया।
अब जब गजेंद्र यादव मंत्री बन चुके हैं, तो प्रदेश की जनता, विशेषकर दुर्ग संभाग के लोगों को उनसे काफी उम्मीदें हैं। माना जा रहा है कि वे अपने अनुभव और जमीनी जुड़ाव का लाभ उठाते हुए क्षेत्र के विकास को नई गति प्रदान करेंगे। उनका मंत्री बनना भाजपा के लिए भी एक रणनीतिक कदम है, जिससे पार्टी को ओबीसी वर्ग में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मदद मिलेगी।










