बीजेपी सरकार के प्रथम बजट से अनियमित कर्मचारी हुए निराश

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भारतीय जनता पार्टी के सरकार द्वारा प्रस्तुत प्रथम बजट में प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में कार्यरत अनियमित कर्मचारी जैसे-आउटसोर्सिंग (प्लेसमेंट), सेवा प्रदाता, ठेका, जॉबदर, संविदा, दैनिक वेतनभोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, मानदेय, अशंकालिक, पृथक अनियमित कर्मचारियों के हित के लिए किसी प्रकार का प्रावधान नहीं |
जबकि “मोदी की गारंटी” पत्र में कर्मचारियों के समस्याओं के लिए समिति बनाने, मितानिनो को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में समायोजित करने स्कुल सफाई कर्मचारी/मध्यान्न भोजन रसोइयों के वेतन में 50 प्रतिशत वृद्धि करने का स्पष्ट उल्लेख है तथा माननीय मुख्यमंत्री, माननीय उप मुख्यमंत्री द्वय से फेडरेशन प्रतिनिधि मंडल ने मिलकर अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं का निराकरण शीघ्र करने अनुरोध किया था|
इस बजट से प्रदेश के अनियमित कर्मचारी काफी निराश है| “छत्तीसगढ़ प्रगतिशील अनियमित कर्मचारी फेडरेशन” अनियमित कर्मचारी के नियमितीकरण/स्थायीकरण, निकाले गए कर्मचारियों की बहाली, न्यून मानदेय कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिए जाने, अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन करने, आउट सोर्सिंग/ठेका/सेवा प्रदाता सिस्टम बंद करने, अपने संघर्ष को और बेहतर तरीके से सम्पादित करेगा |
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मंत्री शिवकुमार डहरिया सहित 4 मंत्री AICC में शामिल