Raipur ब्रेकिंग : दोहरे हत्याकांड का खुलासा, झोलाछाप डॉक्टर ने की थी बुजुर्ग दंपत्ति की हत्या, गिरफ्तार


रायपुर। राजधानी रायपुर के अभनपुर थाना क्षेत्र स्थित ग्राम बिरोदा में हुए सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड की गुत्थी को पुलिस ने 5 दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद सुलझा लिया है। बुजुर्ग दंपत्ति की निर्मम हत्या का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि उनका इलाज करने वाला एक झोलाछाप डॉक्टर ही निकला। आरोपी, इलाज में नाकामी को लेकर लगातार मिल रहे तानों और एक जमीन सौदे के विवाद से इस कदर तंग आ चुका था कि उसने इस खौफनाक वारदात को अंजाम दे दिया।
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रायपुर पुलिस की एंटी-क्राइम एंड साइबर यूनिट तथा अभनपुर थाने की संयुक्त टीम ने आरोपी झोलाछाप डॉक्टर राकेश कुमार बारले (30 वर्ष), निवासी ग्राम कोड़ापारा (धमतरी), को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू, उसकी दोपहिया वाहन और घटना से जुड़े अन्य साक्ष्य भी बरामद कर लिए हैं।


क्या था पूरा मामला?
16 जुलाई को ग्राम बिरोदा निवासी ईश्वर साहू ने अभनपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि गांव के भुखन ध्रुव और उनकी पत्नी रूखमणी ध्रुव का शव उनके घर में खून से लथपथ हालत में पड़ा है। भुखन का शव कमरे में खाट पर था, जबकि उनकी पत्नी का शव दरवाजे के पास मिला था। दोनों के गले पर धारदार हथियार से किए गए गहरे घाव थे, जिससे यह स्पष्ट था कि किसी ने उनकी हत्या की है। इस रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस.) की धारा 103 के तहत हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।
ऐसे आरोपी तक पहुंची पुलिस
मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी रायपुर रेंज श्री अमरेश मिश्रा और एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देशन में 5 विशेष टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों ने गांव में 5 दिनों तक लगातार कैंप किया और जांच का मुख्य केंद्र “लास्ट सीन” थ्योरी पर रखा, यानी आखिरी बार मृतकों के साथ किसे देखा गया था। इस दौरान पुलिस ने मृतकों के परिजनों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों समेत लगभग 200 से अधिक लोगों से गहन पूछताछ की।
इसी जांच के दौरान पुलिस को एक महत्वपूर्ण सुराग मिला कि घटना के दिन शाम करीब 6 बजे एक डॉक्टर को दंपत्ति के घर से बाहर आते देखा गया था। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने डॉक्टर की पहचान धमतरी निवासी राकेश कुमार बारले के रूप में की।
पूछताछ में हुआ सनसनीखेज खुलासा
पुलिस द्वारा पकड़े जाने पर राकेश बारले ने पहले तो खुद को निर्दोष बताते हुए टीम को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन जब पुलिस ने जुटाए गए साक्ष्यों के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और अपना जुर्म कबूल कर लिया।
आरोपी ने बताया कि वह बिरोदा में “आर.के. मेडिकल” नाम से दुकान चलाता था। मृतिका रूखमणी ध्रुव करीब एक महीने से अपने हाथ दर्द का इलाज उससे करा रही थी। इलाज के बाद भी जब दर्द ठीक नहीं हुआ, तो रूखमणी उस पर विवाद करती थी, ताने मारती थी और गांव वालों के सामने उसकी बुराई करते हुए कहती थी कि “यह दूसरे गांव से आकर इलाज के नाम पर सबको बेवकूफ बना रहा है और ज्यादा पैसे ले रहा है।”
इसके अलावा, आरोपी ने मृतक भुखन ध्रुव की एक जमीन का सौदा रायपुर के एक व्यक्ति से कराया था और 10,000 रुपये बयाना भी दिलवाया था। लेकिन बाद में भुखन ने जमीन बेचने से मना कर दिया और बयाने की रकम भी वापस नहीं की, जिससे आरोपी परेशान था।
घटना वाले दिन क्या हुआ?
घटना के दिन भुखन ध्रुव ने आरोपी की दुकान पर आकर अपना बी.पी. चेक कराया और उसे शाम को घर आकर अपना और अपनी पत्नी का इलाज करने को कहा। जब आरोपी शाम 6 बजे उनके घर पहुंचा, तो रूखमणी उसे देखते ही ताना मारने लगी कि “इसे इलाज करना नहीं आता, इसे क्यों बुलाया है।” इसी दौरान आरोपी ने हाइड्रोसील के इलाज के लिए भुखन को खाट पर लेटाया और रूखमणी को पानी गर्म करने के लिए किचन में भेज दिया। पुराने अपमान और मौके पर मिले तानों से आवेश में आकर आरोपी ने खाट पर लेटे भुखन के गले और छाती पर चाकू से ताबड़तोड़ वार कर दिए। जब रूखमणी गर्म पानी लेकर किचन से लौटी, तो आरोपी ने उस पर भी चाकू से हमला कर दोनों की हत्या कर दी।
हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आरोपी अपने घर धमतरी गया, कपड़े बदले और हत्या में प्रयुक्त चाकू, खून लगे कपड़े व जूते अभनपुर के एक नाले में फेंक दिए। किसी को शक न हो, इसलिए वह वापस बिरोदा गांव आकर अपनी दुकान में बैठकर लोगों का इलाज करने लगा।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या (धारा 103 बी.एन.एस.) और आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है। इस सफल कार्यवाही में निरीक्षक सत्येन्द्र सिंह श्याम, निरीक्षक परेश कुमार पाण्डेय और उनकी टीमों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।