रायपुर | जैन धर्म के प्रमुख आर्चाय विद्यासागर जी महाराज समाधि में लीन हो गए है. उन्होंने इस दुनिया कह दिया है. 17 फरवरी को वे महासमाधि में लीन हो गए. 18 फरवरी को उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया. अब 20 फरवरी दिन रविवार को उनके अस्थियों का एकत्रित किया जाएगा. उसके बाद उन अस्थियों को जमीन में दबाया जाता है.जिस स्थान पर अस्थि कलश दबाया जाएगा, उसी स्थान पर वहीं उनकी समाधि बनाई जाएगी.
प्रतिभा स्थली के अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जैन ने बताया कि देशभर से सभी संत पद यात्रा करके यहां आ रहे हैं. सोमवार 19 फरवरी को हुई विनयांजलि सभा में हस्तिनापुर के मठाधीश दिगंबर समाज के कीर्ति रविंद्र जैन पहुंचे. ये ज्ञानमती माता के भाई हैं. उनके अलावा इंदौर, नागपुर, छत्तीसगढ़, भोपाल सहित देश के बड़े ट्रस्टों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे रहे हैं.
आचार्य विद्या सागर जी ने 6 फरवरी को मुनि योग सागर से चर्चा करने के बाद आचार्य पद का त्याग कर दिया था. उन्होंने मुनि समय सागर जी महाराज को आचार्य पद देने की घोषणा की थी. मुनि समय सागर महाराज के चंद्रगिरी तीर्थ पहुंचने के बाद विधिवत तरीके से उन्हें आचार्य की गद्दी सौंपी जाएगी.