अमेज़न ने गांजा बेचने में भगवान श्री राम को भी नहीं बक्शा – राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बनाया अमेजॉन पर विक्रेता और गांजा बेचने का हिस्सा उस ट्रस्ट के बैंक खाते में जमा कराया

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कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने बताया कि अमेज़न पर गांजा बेचे जाने के मामले जिसका रैकेट कुछ महीने पहले मध्य प्रदेश पुलिस ने भंडाफोड़ किया था उस की कड़ी में अमेज़न ने भगवान श्री राम को भी नहीं छोड़ा और अमेज़ॅन प्लेटफॉर्म पर एक विक्रेता के रूप में “श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र” जिसके तत्वाधान में अयोध्या में श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है, को भी अमेज़न के पोर्टल पर एक विक्रेता के रूप में न केवल पंजीकृत किया बल्कि गांजा बेचने की राशि का एक भाग भी तीर्थ क्षेत्र के बैंक खाते में जमा कराया ! रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया और भारत सरकार के सभी नियमों एवं कानूनों को धता बताते हुए अमेज़न ने इस गंभीर अपराध को किया है और अभी तक इसके खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है !

अमेजॉन के ई कॉमर्स पोर्टल पर हुए इस गोरखधंदे का खुलासा करते हुए कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेन्द्र दोशी ने बताया की बेचने वाले कुछ लोगों के गिरोह जिसका भंडाफोड़ मध्यप्रदेश पुलिस ने कुछ महीने पूर्व किया था, ने आंध्र प्रदेश के विशाखपट्नमं शहर में बाबूटैक्स सहित लगभग 10 अन्य फ़र्ज़ी नामों से कंपनियां खोली और उन्हें अमेज़न के पोर्टल पर रजिस्टर किया जिनके द्वारा बड़ी मात्रा में गांजा मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में भेजा गया ! जिन फ़र्ज़ी कंपनियों को यह गांजा बेचा गया उसमें से अमेज़न के पोर्टल ऊपर विक्रेता के रूप में फ़र्ज़ी रूप से पंजीकृत श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को भी एक विक्रेता के रूप में रजिस्टर किया गया और बेचे गांजा को अधिकृत सप्लाई बनाने के लिए एक बेचे गए गांजा की राशि का एक भाग श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के खाते में भी बैंक के जरिये जमा किया गया ! उन्होंने कहा की यह बहुत ही घिनौना और अशोभनीय है कि श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट का नाम गांजा बेचने में भी इस्तेमाल किया गया है और दुख की बात है कि अपराधियों ने भगवान राम को भी अपने घृणित लेनदेन में नहीं बख्शा! यह मामला साफ़ तौर पर दर्शाता है की अमेजॉन प्लेटफार्म पर कानून और नियमों का कभी पालन नहीं किया जाता है। अचम्भे की बात यह है की श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बैंक खाते का इस्तेमाल करने का किसी को भी नहीं पता है जो बेहद गंभीर विषय है !

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा कि कैट के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार विशाखापत्तनम में अमेज़ॅन प्लेटफॉर्म पर विक्रेताओं के रूप में एक कंपनी बाबुटेक्स सहित कई फर्जी कंपनियां पंजीकृत थीं जो एक ही यूपीआई नंबर का इस्तेमाल करते गांजा भेजती थी और उससे प्राप्त राशि को को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र सहित लगभग 10 फर्जी खातों में भेजा था। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र, खाता नं. 39161495808 भारतीय स्टेट बैंक, नया घाट शाखा, अयोध्या में यह राशि दी गई ! इस मामले में शामिल लोगों द्वारा नकली जीएसटी नंबरों का इस्तेमाल किया गया था, जिससे यह तथ्य सामने आया कि दोनों लेनदेन धोखाधड़ी थे और संबंधित खाते भी धोखाधड़ी हैं।

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श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने बताया की रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 24 नवम्बर 2009 को सभी बैंकों, पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स तथा सिस्टम पार्टिसिपेंट्स को पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम एक्ट ,2007 की धारा 18 के अंतर्गत जारी एक सर्कुलर में स्पष्ट रूप से कहा की ऑनलाइन व्यापार में विक्रेता की समस्त केवाईसी करने की जिम्मेदारी पेमेंट एग्रीगेटर अर्थात उस पोर्टल की होगी जो बिक्री से प्राप्त राशि ले रहा है ! इस मामले में यह जिम्मेदारी अमेज़न की थी की जो भी विक्रेता उसके पोर्टल पर पंजीकृत हों, वो सही और अधिकृत हो ! जबकि इस मामले में कैसे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को विक्रेता के रूप में रजिस्टर किया गया और कैसे गांजा की राशि इस खाते में जमा की गई, उससे यह साफ़ है की सरकार के अन्य क़ानून तो छोड़ रिज़र्व बैंक के आदेश का पालन भी नहीं किया !

श्री पारवानी एवं श्री दोशी ने कहा की देश में यदि एक छोटे व्यापारी को भी व्यापार करना हो तो तरह तरह के लाइसेंस आदि लेने पड़ते हैं लेकिन ऑनलाइन पोर्टल पर व्यापार करने में कोई परेशानी नहीं है ! फ़र्ज़ी डीलिंग का मतलब है गैर कानूनी काम करना ! आखिर ये सब कैसे हुआ और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र जैसा पवित्र नाम किस तरह से अमेज़न के पोर्टल पर विक्रेता बनाया गया, यह बेहद ही जांच का बड़ा विषय है ! श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि उपरोक्त प्रकरण इस तथ्य को दर्शाता है कि अमेज़ॅन द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर ऑनबोर्डिंग विक्रेताओं को पंजीकृत करने में किसी तरह की भी जांच नहीं की गई और न ही लेनदेन पर कोई सतर्कता बरती गई है। यह एक चिंताजनक बात है की इसी प्रकार से इस प्रक्रिया के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की जाती हो या राष्ट्र विरोधी एवं असामाजिक तत्वों को धन का हस्तांतरण भी किया जाता हो ! इस मामले की तुरंत जांच आवश्यक है और अमेज़न सहित अन्य कामोनियों के पोर्टलों पर पंजीकृत विक्रेताओं की जांच की जाए और उसमें से फ़र्ज़ी विक्रेताओं को पकड़ा जाए !

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श्री पारवानी और श्री दोशी ने कहा कि अमेज़ॅन पोर्टल एक मार्केटप्लेस है जहाँ किसी को भी विक्रेता के रूप में जुड़ना बेहद आसान है ! इस नाते से अगर कोई ड्रग डीलर है तो उसे ड्रग बेचने या नकली उत्पाद बेचने से रोकने का कोई तरीका नहीं है ! ऐसे व्यक्तियों को रोकने के लिए अमेज़न पोर्टल में कोई भी प्रावधान नहीं है और अगर कोई तंत्र है तो ऐसे फर्जी खातों को विक्रेता के रूप में कैसे पंजीकृत किया गया।उन्होंने कहा की कैट इस मामले पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र से इस बारे में उन्हें जानकारी दे जायेगी और आग्रह किया जायेगा की वो इस मामले की अपने स्तर पर जांच करे तथा और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान तथा प्रदेश गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा के समक्ष भी यह मामला उठाया जाएगा और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की जायेगी

 

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