आयोग की समझाइश पर पति अपनी पत्नी को गुजारा के लिए 10 हजार रुपये प्रतिमाह देने को राजी

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रायपुर  राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने आज शास्त्री चौक स्थित, राज्य महिला आयोग कार्यालय में महिलाओं से संबंधित शिकायतों के निराकरण के लिए सुनवाई की गई।

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एक प्रकरण की सुनवाई में आवेदिका को पिछली सुनवाई में अनावेदक पति अपने साथ ले गया था उनके 3 संतान भी है। अनावेदक पति अभी भी पत्नी और बच्चों का पालन-पोषण नही कर रहा है। पत्नी के मोबाईल भी छीन लिया है और आवेदिका को उनके माता-पिता से बातचीत करने से भी रोकता है, आवेदिका के सास ससुर पति के गलत हरकत पर साथ देते है। आयोग ने पति को निर्देशित किया कि भविष्य में यदि किसी भी तरह का दुर्व्यवहार पत्नी से किया जाता है तो आवेदिका पत्नी इनके खिलाफ पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कर सकती है। अनावेदक पति गोदावरी प्लांट पर वाहन चालक का काम करता है 20 हजार रुपये मासिक वेतन भी है। अनावेदक पति पत्नी को 10 हजार रुपये प्रतिमाह अपने पत्नी को देगा जिसमें आवेदिका घर का खर्च चलायेगी। इस प्रकरण को एक वर्ष तक निगरानी में रखा गया है।

आयोग ने अनावेदक पति से 2 शपथ पत्र बनवाया गया, जिसमें 1. पत्नी के साथ दुर्व्यवहार नही करेगा, 2. दूसरी लड़की के जीवन में किसी भी प्रकार से दखलंदाजी नही करेगा अनावेदकगण के द्वारा शपथ पत्र के पालन न करने की दशा में आवेदिका पूर्व में दिए निर्देशों का पालन करने में स्वतंत्र रहेगी।

इसी प्रकरण में अनावेदिका जिन्हें आयोग के निर्देश पर नारी निकेतन पर रखा गया था वह अपने पिता के साथ आयोग में उपस्थित हुई। अनावेदिका ने बताया कि आवेदिका के पति ने उसके पिता और नानी के घर जाकर धमकी दिया था इसलिए वह आवेदिका के पति के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराना चाहती है। इस स्तर पर पुलिस के कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत की है। जिसमें इस तरह की धमकी का उल्लेख है, अनावेदिका को आयोग द्वारा समझाईश दिया गया कि यदि वह अभी एफआईआर दर्ज कराना चाहती है तो पूर्व में थाना में दिए गये ब्यानों से आवेदिका के पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज नही हो सकेगा। लेकिन आज के बाद यदि आवेदिका के पति और उसके माता-पिता और बहन-दामाद इन चारों को एवं अनावेदिका के घर परिवार एवं उनके जिन्दगी के किसी प्रकार का हस्तक्षेप करता है तो अनावेदक एवं उनके सहयोगियों के खिलाफ थाना में एफआईआर दर्ज करा सकेगी। इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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एक अन्य प्रकरण में पति पत्नी को आयोग के समझाइश दिए जाने पर आपसी राजीनामा और समझौते के आधार पर एक साथ रहने तैयार हुए इस प्रकरण को तीन माह के निगरानी में रखा गया।

सम्पत्ति विवाद के प्रकरण में आवेदिका ने अनावेदक के विरुद्ध अपने पिता के जमीन को कब्जा करने की शिकायत आयोग में की है अनावेदक का कथन है कि वह किसी अन्य से जमीन को खरीदा हु आयोग ने आगामी सुनवाई में अन्य अनावेदक को भी उपस्थित करने के निर्देश के साथ इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक ने दस्तावेज प्रस्तुत किया और बताया कि आवेदिका की सेवा समाप्त किया गया था। उच्चधिकारियों के कहने पर इन्हें फिर से सेवा में लिया गया था दोनो ही संविदा में कार्यरत हैं आवेदिका चाहे तो अन्य तथ्यों के आधार पर प्रस्तुत कर सकती है इस प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।आज जनसुनवाई में 29 प्रकरण रखे गए थे जिसमें 7 प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया है।

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