केंद्र की कल्याणकारी योजना और छत्तीसगढ़ की जनता के बीच बाधक हैं भूपेश सरकार- विष्णुदेव साय

85

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने केंद्र की मोदी सरकार के संवेदनशील निर्णय जिसमें कोरोना संक्रमण में माता पिता खो चूंके बच्चों के हित में संवेदनशील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भावपूर्ण निर्णय किया हैं का लाभ छत्तीसगढ़ के बच्चों को मिल पाने में संशय व्यक्त किया हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार कोरोना से मृत्यु पर मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना से मृत्यु नहीं लिख रही हैं अर्थात सामान्य तौर पर बिना कोरोना से मृत्यु लिखा मृत्यु प्रमाणपत्र बनाया जा रहा हैं यह दुर्भग्यपूर्ण हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं कि ऐसे में कैसे कोरोना से माता पिता खोने वाले बेसहारा बच्चों की पहचान होगी? कैसे केंद्र सरकार की संवेदनशील योजना का लाभ छत्तीसगढ़ के मासूमों तक पहुंच पायेगा सीएम बघेल स्पष्ठ करें? उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से तत्काल मृत्यु प्रमाणपत्र की खामियों को दूर करने की मांग की हैं।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि ‘पीएम केयर्स फ़ॉर चिल्ड्रन्स’ योजना से अनाथ हो चुके बच्चों के भविष्य को सँवारने और एक आत्मनिर्भर देश का एक आत्मनिर्भर नागरिक बनाने का स्वप्न साकार करने की दिशा में मोदी जी का यह एक ऐतिहासिक व क्रांतिकारी फैसला है परंतु छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार की लापरवाही एकबार पुनः केंद्र की कल्याणकारी योजना और छत्तीसगढ़ की जनता के बीच बाधक बनी बैठी हैं यह दुर्भग्यपूर्ण हैं।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को संवेदनहीन मुख्यमंत्री और छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार को असंवेदनशील सरकार करार देते हुए कहा कि केंद्र सरकार ऐसे अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक मासिक वित्तीय सहायता देने और 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर 10 लाख रुपए की राशि देने का निर्णय कर संवेदनक्षम नेतृत्व के सामाजिक सरोकारों को प्रमाणित किया है। केंद्र सरकार की तर्ज पर अन्य राज्यों ने भी कोरोना महामारी के कारण अनाथ बच्चों के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा उनके संरक्षण पर ध्यान देकर व उनकी सहायता करके उनके उज्ज्वल भविष्य की चिंता की हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पूछा हैं कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की सरकार ने छत्तीसगढ़ में कोरोना की वजह से माता- पिता खो चुके बच्चों के लिए क्या किया हैं? तमिलनाडु जैसे छोटे राज्य ने अनाथ बच्चों के लिए 5 लाख प्रदान करने की घोषणा की हैं, असम राज्य ने बच्चों के अभिभावक/केयरटेकर को प्रतिमाह 3500 रुपये देगी, विवाह योग्य बच्चियों को 10 ग्राम सोना और एकमुश्त 50 हजार प्रदान करेगी।त्रिपुरा में भी 18 साल के होने तक प्रतिमाह 3500 और शादी पर 50 हजार की योजना हैं। कर्नाटक में अभिभावक को प्रतिमाह 3500 और 21 साल के उम्र पूरी कर चुकी लड़कियों को एक मुश्त एक लाख प्रदान करने की योजना हैं। गुजरात सरकार अनाथ बच्चों को 18 वर्ष की आयु तक प्रति माह 4000 रुपये देगी और छात्रवित्ति अलग से दी जाएगी। उन्होंने अन्य राज्यों और केंद्र सरकार की तुलना में छत्तीसगढ़ सरकार छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए क्या बेहतर कर रही हैं यह सवाल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछा हैं और आत्म चिंतन करने की नाशिहत भी दी हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार औरअन्य राज्यों से तुलनात्मक अध्य्यन के उपरांत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार के सामने असंवेदनशीलता का उभरता प्रतिबिंब शर्मनाक हैं।

कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में विफलता और लापरवाह प्रदेश सरकार के खिलाफ भाजपा ने दिया धरना

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने गहरा दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि इस विपरीत परिस्तिथि में जहां राजनीति और सियासत का कोई स्थान नहीं होना चाहिए ऐसे में केंद्र सरकार और अन्य राज्यों की जनकल्याण के लिए उठाये गए कदमो की तुलना छत्तीसगढ़ से करने पर मन दुखी हो जाता हैं। सवाल उठता हैं क्या छत्तीसगढ़ के कांग्रेस के नेताओं के लिए सियासत ही सब कुछ हैं? छत्तीसगढ़ की महान जनता जिन्होंने कांग्रेस को अवसर दिया ऐसी जनता और उनकी भावनाओं का क्या कोई मोल नहीं हैं? मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपनी जिम्मेदारी और प्राथमिकता स्पष्ठ करनी चाहिए कि वे छत्तीसगढ़ की जनता के प्रति जिम्मेदार हैं या उनकी प्राथमिकता गांधी परिवार और सियासत हैं।

IMG 20240420 WA0009