ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को बल देते हुए लघु सूक्ष्म, उद्योग, एवं शहरी विकास के साथ संतुलित बजट: अमर परवानी

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रायपुर. छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी,  विक्रम सिंह,   ने बताया कि दिनांक 9 फरवरी 2022 को छत्तीसगढ़ का बजट माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी द्वारा विधानसभा में प्रस्तुत बजट आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देता है। हमारी बहुप्रतीक्षित मांग थी कि ग्रामीण क्षेत्रों को रूरल इंडस्ट्रियल कॉरीेडोर के रूप में विकसित किया जाए। हमने लगातार मांग की थी कि चाहे होली हो या दिवाली या अन्य त्यौहारी सीजन में चाइना से आयात होने वाले सामानों के बजाय गांवों में ऐसे कॉरीडोर विकसित किए जाएं जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बना सके। इस दिशा में सरकार ने बजट में बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले से ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी इंडस्ट्रियल पार्क से ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। इसका असर शहरों के बाजार तक पड़ेगा।

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चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर पारवानी ने दो साल कोरोना काल के बाद आये राज्य बजट को संतुलित बताते हुए कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हुए सूक्ष्म-आर्थिक स्तर पर सभी समावेशी कल्याण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए लाया गया है। इस बजट में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग को भी बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। जिससे छत्तीसगढ़ में लुप्त होते कई उद्योग नवीन ऊर्जा के साथ प्रतिस्पर्धा में बने रहेंगे।

श्री पारवानी ने उदाहरण देते हुए बताया कि दीया, झालर, मूर्तियां, साज-सज्जा के सामान, खिलौने इत्यादि विगत कई वर्षों से चाइना एवं अन्य देशों से आयात किए जाने लगे थे जिसका हम व्यापक विरोध करते आएं हैं। ऐसी वस्तुओं का गौठानों के माध्यम से निर्माण होगा। ग्रामीण स्तर पर आर्थिक प्रगति से लोगों की क्रय शक्ति बढऩे से शहरों के व्यवसाय की भी प्रगति होगी,जो हमनक बीते वर्षों में देखा है। कोरोना की वजह से भारत के कई राज्य आर्थिक रूप् से उतनी प्रगति नहीं कर सके जबकि छत्तीसगढ़ में यह 13.6 फीसदी की विकास दर रही।

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श्री पारवानी ने आगे बताया कि बच्चों के लिये स्कूल एवं मेडिकल कालेज तथा स्पोट्र्स पर भी बजट में प्रावधान है। आम जनमानस के लिये, कुपोषित बच्चों के लिये सुपोषण पर भी प्रावधान किया गया है। गौठानों को महात्मा गाँधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किए जाने से स्थानीय खाद्य उत्पादों एवं लघु वनोपज एवं हस्तशिल्प से संबंधित लघु और कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।

लोक निर्माण विभाग को 6638 करोड़ आवंटित किया गया है। इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास होगा। वर्ष 2022-23 मेंं कुल प्राप्ति का बजट अनुमान 1 लाख 04 हजार करोड़ जो गत वर्ष की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 फीसदी अधिक है।

वर्ष 2022-23 के लिए कोई कर प्रस्तावित नहीं किया गया है। यह व्यापार एवं उद्योग जगत के लिए बेहतर प्रावधान है। इससे पहले राज्य सरकार ने राजधानी सहित प्रदेश के सभी जिलों में होलसेल कॉरीडोर की अनुमति दी है, जो कि देशभर में थोक बाजारों के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में जाना जाएगा। खास बात यह है कि बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 फीसदी, आर्थिक क्षेत्र के लिए सबसे ज्यादा 40 फीसदी और सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 23 फीसदी का प्रावधान किया गया है।

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