विगत बजट में उर्वरक सब्सिडी में 25 प्रतिशत कटौती करने वाली मोदी सरकार और कटौती करने प्रणाम योजना का षड़यंत्र रच रही है – सुरेंद्र वर्मा 

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surendra verma
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kabaadi chacha

रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि नए-नए जुमलों के बजाय भाजपाई यह बताएं कि इस बजट में उर्वरक की सब्सिडी में 35000 करोड़ की कमी क्यों की गई? विगत वर्ष के बजट आवंटन 1 लाख 40 हजार करोड़ से घटा कर इस वर्ष 1 लाख 5 हजार करोड़ क्यों किए? छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार ने जैविक खेती की दिशा में ठोस पहल की है सस्ते दरों पर वर्मी कंपोस्ट का विकल्प स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कराया है केंद्र की मोदी सरकार बताएं कि देश के किसानों के लिए उचित दाम पर वैकल्पिक उर्वरकों की उपलब्धता कहां पर है? असलियत यह है कि केंद्र की मोदी सरकार उर्वरक सब्सिडी और घटाने का मन बना चुकी है। 2014 में भाजपा ने देश के किसानों से वादा किया था की स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिश के अनुसार सी-2 फार्मूले पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर एमएसपी दी जाएगी, नौ साल हो गए अब तो बता दीजिए किसानों को उनका हक कब मिलेगा? 3 कृषि काले कानूनों के खिलाफ़ किसान आंदोलन के समय 750 किसानों की मौत के बाद एमएसपी की कानूनी गारंटी के वादे पर अब तक मोदी सरकार ने क्या किया? दरअसल भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में होड़ मची है कि कौन ज्यादा झूठ बोल सकता है। पुराने वादे पूरे नहीं हुए तो नए-नए झांसे और जुमला से बरगलाने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। सच यह है कि भाजपाई केवल चंद पूंजीपतियों के आगे ही नतमस्तक है प्रधानमंत्री प्रणाम योजना केवल छलावा है। भाजपाई बताएं कि मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था वह कब होगा। कृषि की लागत पिछले 9 साल में 4 गुना हो गई है डीजल पर सेंट्रल एक्साइज 3 रुपया 54 पैसा से बढ़कर 31 रूपए पहुंचा दी है। कीटनाशक के दाम पिछले 9 वर्षों में 4 गुना बढ़ गई। पोटाश का दाम 1 वर्ष के भीतर 800 से बढ़ाकर 1700 पए प्रति बोरी कर दिए और जब एमएसपी बढ़ाने की बारी आई तो मात्र 7 प्रतिशत?

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प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा और मोदी सरकार का फोकस केवल चंद पूंजीपतियों के मुनाफे पर केंद्रित है। किसानों को न स्वामीनाथन कमेटी के अनुसार एमएसपी मिल रहा है और न ही एमएसपी की कानूनी गारंटी। आय दुगुनी करने का झांसा देकर लागत चार गुनी कर दिए। पूंजीपति मित्रों की लाखों-करोड़ों का लोन राइट ऑफ कर दिए, देश के 20 बड़े सार्वजनिक उपक्रम औने पौने दाम में अपने मित्रों पर लुटा दिए, देश पर कुल कर्ज़ का भार 3 गुना बढ़ गया, लेकिन किसानों को देने के लिए केवल जुमले। देश का किसान अपना अधिकार चाहता है, खैरात नहीं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि केंद्र की मोदी की सरकार यह बताएं रासायनिक उर्वरकों की जगह वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती की दिशा में पिछले 9 साल में धरातल पर क्या किए? देश के किसानों के पास रासायनिक उर्वरकों का क्या विकल्प है? छत्तीसगढ़ में तो 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट मात्र 10 रू. किलो की दर पर किसानों को उपलब्ध हुआ है। स्थानीय स्तर पर ही उठान समिति और महिला स्व सहायता समूह की बहने अपने ही क्षेत्र के किसानों के लिए वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं। पूरे प्रदेश में सहकारी समिति के माध्यम से वितरण हो रहा है जिससे विगत 3 वर्षों में ही प्रदेश के 26 लाख़ से अधिक किसान जैविक खेती की ओर आगे बढ़े हैं। निश्चित रूप से जैविक खेती को बढ़ावा मिलना चाहिए लेकिन केवल जुमला और झांसे में नहीं धरातल पर ठोस काम हो। भूपेश बघेल सरकार ने छत्तीसगढ़ में कृषि और किसानों की समृद्धि के साथ ही जैविक खेती की दिशा में जो प्रतिमान स्थापित किए हैं आज पूरा देश उसका अनुकरण करने की तैयारी कर रहा है।

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