शहीदों के बलिदानों को कविताओं के माध्यम से याद किया गया:वक्ता मंच का आयोजन

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रायपुर।सामाजिक संस्था “वक्ता मंच”द्वारा रविवार 8 अगस्त को मैग्नेटो माल स्थित संतोष हाल में काव्य गोष्ठी एवं कोरोना योद्धा सम्मान का आयोजन सम्पन्न हुआ।स्वतंत्रता दिवस के 1 सप्ताह पूर्व व हरेली पर्व पर “जरा याद करो कुर्बानी”की थीम पर सम्पन्न काव्य गोष्ठी में प्रदेशभर से आये 40 नवोदित व स्थापित दोनों धारा के कवियों ने हिंदी,छत्तीसगढ़ी व उर्दू भाषा मे शानदार काव्य पाठ किया।आयोजन की मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कवियित्री उर्मिला देवी जी थी।अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार छत्रसिंह बच्छावत ने की।विशेष अतिथि के रूप में ए के प्रसाद व प्रेम तपस्वी उपस्थित थे।कार्यक्रम का प्रभावी संचालन वक्ता मंच के अध्यक्ष राजेश पराते एवं संयोजन शुभम साहू ने किया।इस अवसर पर कुछ फर्ज हमारा भी संस्था के नितिन सिंह राजपूत व स्मारिका राजपूत,सरायपाली के रुद्रेश भोई एवं ग्राम डूंडा के दुष्यंत साहू को कोरोना काल मे उनके द्वारा किये गये बेहतरीन सेवाओ के लिए “कोरोना योद्धा”सम्मान प्रदान किया गया।काव्य गोष्ठी का आरंभ बिंदुरानी प्रसाद ने सरस्वती वंदना के साथ किया।गोष्ठी में रिक्की बिंदास की इन पंक्तियों ने धूम मचा दी:-
हर दिल तुम्हारी निशानी तुम्हारे बाद रखेगा,
तुम वतन से मोहब्बत करके तो देखो
तुमको भी जमाना याद रखेगा।
रौशन कुमार की इन पंक्तियों ने बहुत वाहवाही लूटी:-
सर्दी,गर्मी,बारिश,पतझड़ झेल रहा
सीमा पर वो जवान हमारा पहले है,
कुछ भी हो जाये पर ध्यान रहे
ये देश हिंदुस्तान हमारा पहले है।
युवा शायर प्रेम तपस्वी की इस नज्म ने समां बांध दिया:-
अपनी हसरतों की नीलामी करते है
चलो कुछ काम खानदानी करते है
जमीं पर तो यहाँ कदम सबके है
तपस्वी आओ रुख आसमानी करते है
दुश्मन खून से नहाना चाहता है
चलो उसे पानी पानी करते है।
वरिष्ठ कवि छत्रसिंह बच्छावत की इन पंक्तियों ने बहुत तालियाँ बटोरी:-
लूटते लूटते लूटी न जाने यहाँ कितनी जवानियाँ,
कहते कहते हुई न जाने कितनी खत्म कहानियाँ।
गुलशन खम्हारी कि यह कविता भी प्रभावपूर्ण रही:-
रक्त जानता यही कि मातृभूमि पुकारती,
शूर वीर मांग आज पुष्प हार मालती।
आन बान शान मांगते जान जहान को,
देख देख मौत की जिंदगी ही नकारती।
सुरेंद्र अग्निहोत्री “आगी”की इन पंक्तियों को बहुत सराहना मिली:-
आईये जान लूटा दे वतन के लिए
खून से सींचे धरती अमन के लिए
जान निछावर करे तो भी कुछ गम नही
ये जन्म है मेरा इस वतन के लिये।
काव्य गोष्ठी मेउर्मिला देवी, सविता राय अदक,बिंदुरानी प्रसाद,पुष्पेंद्र बर्मन,ख्याति बंजारे,दुष्यंत साहू,सूर्यकांत देवांगन “प्रचंड”,प्रवीण गुप्ता,हेमलाल पटेल,मनीष पटेल,प्रगति पराते,मो हुसैन,रौशन कुमार,देव मानिकपुरी,तरुण कुमार वर्मा,डॉ तुलेश्वरी धुरंधर, छत्रसिंह बच्छावत,इंद्रदेव यदु,रमेश कुमार सोनी,सुरेंद्र अग्निहोत्री “आगी”,राजेन्द्र देवांगन,नरेंद्र कुमार साहू,सिंधु झा,बृजलाल दावना,सेलिना दावना,लुकेश कुमार,ढालसिंग साहू,घनाराम साहू,रिक्की बिंदास, गीता बंजारे,प्रियंका जोशी,प्रेम तपस्वी,जी पी सोनी,भूपेंद्र देवांगन,गुलशन खम्हारी,संतराम कुम्हार ने अपनी कविताये प्रस्तुत की।काव्य गोष्ठी में रायपुर,भिलाई,बलौदाबाजार,बसना,महासमुंद,धमतरी,रायगढ़,कुरूद सहित प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कविगण पधारे थे।वक्ता मंच के संयोजक शुभम साहू द्वारा आभार प्रदर्शन किये जाने के साथ ही कार्यक्रम समाप्त हुआ।

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