Bastar। नक्सलवाद ख़त्म करने बड़ी रणनीति… रचने जा रही है जवान दरअसल माओवादियों के गढ़ों में उनके खिलाफ अभियान तेज करने की रणनीति के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की 3,000 से अधिक कर्मियों की तीन बटालियन ओडिशा से छत्तीसगढ़ जाएंगी और इतनी ही संख्या में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की इकाइयां छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के गढ़ अबूझमाड़ के भीतरी इलाकों में जाएंगी।
बता दें कि अबूझमाड़ के लगभग 237 गांवों में करीब 35,000 लोग रहते हैं, जिनमें बड़ी संख्या में आदिवासी हैं। वर्तमान में, इस क्षेत्र में कोई स्थायी केंद्रीय या राज्य पुलिस बेस नहीं है और बताया जा रहा है कि सशस्त्र माओवादी काडर राज्य के दक्षिण बस्तर क्षेत्र में छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा के पार से यहां आकर अपनी गतिविधियां को चला रहे हैं और प्रशिक्षण ले रहे हैं। बस्तर क्षेत्र में दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर से लेकर नारायणपुर और कोंडागांव और कांकेर जिले शामिल हैं। यह क्षेत्र वह आखिरी गढ़ है जहां माओवादियों के पास कुछ ताकत है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बल माओवादी नेटवर्क को ध्वस्त करने और क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए यहां अपनी ताकत को बढ़ा रहे हैं और बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहे हैं ताकि राज्य सरकार विकास कार्य शुरू कर सके।