बजट 2021 निराशाजनक …….जनता को हरा चश्मा पहनाकर हरियाली दिखाने की कोशिश: शकुन डहरिया

52

रायपुर। कोरोना काल के बाद पहले आम बजट 2021 से महिलाओं को काफी उम्मीदें थी।महिलाएं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का यह कहना कि कोरोना काल में गैस सिलेंडर मुफ्त में दिया गया है। इसे सुनकर ऐसा प्रतीत होता है जैसे कटोरे में चांद दिखाया गया।

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

महिला प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति प्रभारी शकुन डहरिया ने कहा कि वित्त मंत्री सीतारमण 2021 के बजट की तरफ आशा भरी निगाहों से टकटकी लगाए जनता को हरा चश्मा पहनाकर हरियाली दिखाने की कोशिश की गई। साथ ही यह भी कहा कि यह बजट अत्यंत ही निराशाजनक है और भारत वर्ष के पूंजीपतियों को फायदा और आम जनता, महिला, किसान एवं नौकरी पेशा को होगा नुकसान।

 

नौकरीपेशा के हाथ लगी निराशा

ये बजट सबसे खराब रहा नौकरीपेशा के लिए। काफी समय से इस बजट से उम्मीद की जा रही थी कि इसमें धारा 80सी के तहत छूट की सीमा बढ़ सकती है और साथ ही 2.5 लाख रुपये तक की कमाई पर मिलने वाली छूट के भी बढ़ने की उम्मीद थी। ये उम्मीद इसलिए भी की जा रही थी, क्योंकि पिछले करीब 7 सालों से इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। आखिरी बार जुलाई 2014 में ये टैक्स छूट की सीमा 2 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख की गई थी और धारा 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.5 लाख रुपये की गई थी।

आम आदमी के लिए कुछ नहीं

देखा जाए तो ये बजट आम आदमी का था ही नहीं। आम आदमी को राहत मिले, ऐसी तो कोई घोषणा ही नहीं हुई। उल्टा तमाम चीजों पर कस्टम ड्यूटी और सरचार्ज लगने की वजह से मोबाइल समेत बहुत सारी चीजें महंगी भी हो रही हैं। आम आदमी के लिए ये बजट निराशाजनक रहा।

एक्ट्रेस ने किया सुसाइड, पंखे से लटकी मिली लाश

महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं

वित्त मंत्री निर्मली सीतारमण से उम्मीद थी कि वह महिलाओं के लिए जरूर कुछ ना कुछ खास करेंगी। उम्मीद की जा रही थी महिलाओं को और मजबूत करने की कोशिश की जाएगी, लेकिन बजट भाषण सुनकर यूं लगा मानो महिलाओं पर भी इस बजट में कुछ खास ध्यान नहीं दिया गया।

किसानों को होने वाले 5 नुकसान

1. कृषि प्रधान देश में किसानों की हालत बहुत बुरी है. बजट में किसानों को MSP की गारंटी मिली है. लेकिन, किसी मॉल में ऊंचे दामों पर बिकने वाली फसल से किसानों को कम ही मूल्य मिलता है. कृषि को लेकर सरकार को कुछ साफ नीतियां और कानून बनाने होंगे, जिससे किसानों को सीधा फायदा होने की उम्मीद हो. कहा जा सकता है कि बजट से बताने की कोशिश की गई है, मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों को लागू करने से किसानों को लाभ होगा।
2. किसानों के लिए कोई ठोस योजना नहीं लाई गई है. जिससे ये दिखे कि किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर किसान प्रतिबद्ध है. कृषि सेस के रूप में सरकार आम जनता से टैक्स वसूली करेगी. लेकिन, इसका इस्तेमाल कैसी करेगी, सरकार ने इसे लेकर कोई घोषणा नहीं की है।
3. बजट में तमाम घोषणाओं के बीच किसानों तक अपनी बात न पहुंचा पाने के नाकामयाबी सरकार के लिए बड़ा सिरदर्द है. सरकार MSP देने को तैयार है. जल्द खराब होने वाली फसलों को ऑपरेशन ग्रीन में जोड़ रही है. लेकिन, किसानों तक इसका फायदा कैसे पहुंचेगा, इसे लेकर कोई नीति नजर नहीं आ रही है. सरकार किसानों को फायदा पहुंचाना चाहती है, लेकिन, कैसे, ये सवाल अभी भी बरकरार है।
4. बिचौलियों को खत्म करने की बात कृषि कानूनों में कही गई है. ऐसे में कहा जा सकता है कि घूम-फिरकर सरकार की सारी योजनाएं तीनों कृषि कानूनों पर आकर टिक जाती हैं। किसान इन कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार के सामने बड़ी समस्या किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने में आएगी।
5. किसानों को दिए जाने वाले कृषि कर्ज को सरकार ने 16.5 लाख करोड़ कर दिया है. ENAM के जरिये किसान मंडियों से ऑनलाइन फसल खरीद को बढ़ावा देने की बात की गई है, 1.68 करोड़ किसान ENAM से पंजीकृत हैं और 100 अन्य मंडियां ENAM से जोड़ी जाएंगी. लेकिन, एक आम किसान जो इन तकनीकी चीजों से कोसों दूर है. उस तक सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचेगीं. बड़ा सवाल यही है।

IMG 20240420 WA0009