दो दिनों से जल रहे जंगल, विभाग सोया कुंभकरनी नींद

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भानुप्रतापपुर। कांकेर जाने वाले मुख्य मार्ग पर ग्राम भोड़िया व कुर्री के बीच पहाड़ी तथा किनारे के जंगलों में रविवार सुबह से आग लगी हुई है। वन विभाग का अमला अब तक आग बुझाने नहीं पहुँचा है इससे पता चलता है कि वनों के प्रति अधिकारी कितने सजग हैं। मुख्य सड़क के किनारे लगी आग को बुझाने में जब विभाग रुचि नहीं ले रहा तो यह सोचने वाली बात है कि अंदरूनी क्षेत्र के जंगलों के हाल क्या होगा? वनों में आग लगने की जानकारी सेटेलाइट के माध्यम से विभाग के उच्च अधिकारियों को मिल जाती है उसके बाद भी विभाग के अधिकारीयो का रवैया वनों को लेकर उदासीन बना हुआ है।ज्ञात हो कि भानुप्रतापपुर विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कुर्री तथा भोड़िया जो कि कांकेर वनमण्डल के अंतर्गत कोरर परिक्षेत्र में आता है। यहाँ के परिक्षेत्र अधिकारी जंगलो में पेड़ों की कटाई को लेकर पहले भी चर्चा में रह चुके हैं वहीं अब आग से झुलसते वनों को बचाने में भी रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही कांकेर वनमण्डल के माकड़ी स्थित पत्ता गोदाम में आग की वजह से करोड़ो का तेंदू पत्ता जलकर राख हो चुका है इसके बावजूद विभाग के अधिकारी सचेत नहीं हुए है। 2 दिनों से कुर्री तथा भोड़िया के पहाड़ी में आग लगी है जिसकी लपटें मुख्य सड़क से ही दिखाई देती हैं। क्या विभाग को अब तक इसकी जानकारी नही मिली है, या फिर जान बुझकर
कर आग बुझाने का कोई भी प्रयास विभाग के अधिकारी कर्मचारीयो द्वारा नहीं किया जा रहा ये समझ से परे है।वन विभाग का जागरूकता अभियान भी फ्लॉप तमाम जागरूकता अभियानों के बावजूद जंगलो में प्रतिदिन आग लगाई जा रही है। पतझड़ के मौसम में अक्सर ऐसा देखने को मिलता है कि महुआ बीनने के लिए लोग पेड़ के नीचे आग लगा देते हैं और ये आग धीरे धीरे पूरे जंगल मे फैल जाती हैं। वन विभाग के द्वारा लोगों को वनों के लाभ बताने तथा वनों में आग न लगाने हेतु कई जागरूकता अभियान भी चलाए गए फिर भी वनों में आग लगाई जा रही है। आग पर यदि तुरंत काबू पा लिया जाए तो नुकसान से बचा जा सकता है लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते वनों को आग से काफी नुकसान हो रहा है

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