फाइनेंसर पीड़ितों ने आईजी के सामने गुहार लगाई

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भिलाई/दुर्ग  ।  जिले के पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद सिन्हा के समक्ष आज फाइनेंस कंपनियों के पीड़ित लोगों ने फाइनेंसर पीड़ित संघ के बैनर तले अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी के साथ मुलाकात की। मुलाकात के दौरान पांच पृष्ठ का एक ज्ञापन पुलिस महानिरीक्षक के नाम से सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक को इस बात की जानकारी प्रदान की गई कि चोलामंडलम जैसी फाइनेंस कंपनियां संपूर्ण प्रदेश में जबरदस्त तरीके से अवैध कारोबार कर रही हैं। सैकड़ों करोड़ रुपए अवैधानिक लूट रही हैं। सतीश कुमार त्रिपाठी ने आईजी विवेकानंद सिन्हा को बताया कि पुलिस विभाग से उन्हें सिर्फ इतनी ही शिकायत है कि पुलिस विभाग के लोगों को भ्रमित कर कंपनी के कर्मचारी और अधिकारी अपने अवैध कारोबार में शामिल कर रहे हैं। हाल ही में जामुल थाने के दो पुलिसकर्मियों ने एक पीड़ित ट्रांसपोर्टर की गाड़ी कंपनी द्वारा जबरन उठा लिए जाने में मौके पर उपस्थित रहकर सहयोग दिया हैं। पुलिस विभाग पीड़ितों का सहयोग करने के बजाए कंपनी प्रबंधन के साथ सहयोग कर रहा है। पीड़ितों की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज नहीं की जा रही है। जिन शिकायतों पर दस्तावेज रूप से प्रमाणित हो चुका है कि कंपनी के अधिकारियों ने फ्रॉड किया है उन पर 7 से 8 महीने हो जाने के बावजूद अब तक चालान पेश नहीं किया गया है। स्वयं छत्तीसगढ़ के डीजीपी का पूर्व में आदेश हुआ है कि फाइनेंस कंपनियों के मामलों में पुलिस विभाग के कर्मचारी वाहन जब्ती आदि के मामले में शामिल ना हो। इसके बावजूद कंपनियां अपने आपराधिक कार्य को पुलिस वालों के माध्यम से अंजाम दे रही हैं जो कि दुर्भाग्यजनक है। आईजी विवेकानंद सिन्हा ने पीड़ितों से भी उनका पक्ष जाना। जिसमें दीपक चंदपुरिया ने अपने साथ लगभग एक करोड़ रुपए के आर्थिक फ्रॉड की जानकारी दी और बताया कि 7 महीनों से अब तक अपराध दर्ज कर चालान पेश नहीं किया गया है। पीड़ित राघवेंद्र प्रसाद पाठक, अश्विनी कुमार साहू, रामचरण साहू, दीपक साहू, राजेंद्र प्रसाद मिश्रा, चंदन साहू, ने अपने साथ हुई घटना का विवरण दिया। सभी पीड़ितों ने अपने साथ हुई अपराधिक घटना का विवरण लिख कर आईजी कार्यालय में जमा भी किया। सामाजिक कार्यकर्ता और अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया है कि यह आंदोलन धीरे-धीरे विस्तृत हो रहा है। लगातार एनबीएफसी से संबद्ध अलग-अलग कंपनियों के मामले भी सामने आ रहे हैं। ऐसे में अब गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष व्यक्तिगत तौर से उपस्थित होकर भी शिकायत दर्ज कराई जाएगी। राज्यपाल को भी समय मांग कर लिखित सूचना प्रेषित की जाएगी। यह प्रदेश व्यापी हजारों करोड़ों रुपए की लूट का मामला है इसलिए रायपुर में आंदोलन की भूमिका तैयार हो रही है। अगर शासन प्रशासन जल्द ही गंभीरता पूर्वक कार्यवाही नहीं करता है तो कंपनियों के खिलाफ आक्रोश टूटेगा साथ ही साथ सरकार के विरुद्ध भी यह आंदोलन फैलेगा। अतः प्रशासन और सरकार के लोगों को तत्काल इस विषय में संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए। आज के कार्यक्रम में पीड़ित पक्षकारों के साथ उमेश चंद्र शर्मा, रमेश कुमार चांडक, थनेंद्र साहू, रवेंद्र साहू, बिट्टू सिंह सहित परिवहन संघ के पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

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