नारायणपुर के कुकड़ाझोर गांव में सरकारी कर्ज की वसूली का नोटिस मिलने के बाद किसान ने आत्महत्या कर ली है. 9 एकड़ खेत में महज 75 बोरी धान की फसल होने से परेशान किसान ने खेत में कीटनाशक दवाई का सेवन कर अपनी जान दे दी.
बेटे की शादी करने की तैयारी के बीच फसल चौपट होने और कर्ज के बोझ ताले किसान का सपना टूट गया. किसान के मौत के बाद परिवार का कर्ज़ बढ़ गया. किसान के बेटे का कहना है कि खेत में मिजाई के बाद धान की पैदावार आधे से भी कम होने के बाद पिताजी बार-बार सरकारी कर्ज और वसूली के नोटिस का जिक्र कर तनाव में थे.
जिसकी वजह से वे तनाव में रहने लगे थे . एक दिन फिर खाने के लिए हमें घर भेज कर कीटनाशक दवाई पीकर आत्महत्या कर ली. कुछ दिन बाद बेटे की शादी होने वाली थी कीटनाशक के सेवन के बाद उनका घरेलू उपचार करने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन उसे दौरान उनकी मौत हो गई