उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से कहा कि वह अपने समक्ष लंबित मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर 31 दिसंबर 2023 से पहले अंतिम आदेश पारित करें।
मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष को और समय देने से इनकार करते हुए कहा कि दसवीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी कानून) के तहत कार्यवाही में देरी के लिए प्रक्रियात्मक उलझनों की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
पीठ ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और आठ अन्य सहित राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से संबंधित लंबित अयोग्यता याचिकाओं पर भी निर्णय लेने के लिए 31 जनवरी 2024 की समय सीमा तय की।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) द्वारा अलग अलग दायर याचिकाओं पर अगली सुनवाई जनवरी के पहले सप्ताह में करेगी।
पीठ ने 17 अक्टूबर की सुनवाई के दौरान विधानसभा अध्यक्ष से शिवसेना के कुछ विधायकों की अयोग्यता संबंधित याचिकाओं पर निर्णय लेने के लिए एक ‘यथार्थवादी’ समय-सारणी तय करने को कहा था।
इसके पहले भी अदालत अध्यक्ष से शीघ्र कोई फैसला करने को कहा था।
शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता याचिकाओं पर 31 दिसंबर तक फैसला करने के निर्देश
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