काशी और महाकाल की तर्ज पर संवारा जाएगा कामाख्या मंदिर

148
काशी और महाकाल की तर्ज पर संवारा जाएगा कामाख्या मंदिर
काशी और महाकाल की तर्ज पर संवारा जाएगा कामाख्या मंदिर

गुवाहटी | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दावा किया कि आजादी के बाद सत्ता में रहे लोग पूजा स्थान के महत्व को नहीं समझ सके. और उन्होंने राजनीतिक वजहों से अपनी ही संस्कृति पर शर्मिंदा होने की प्रवृत्ति स्थापित की. गुवाहाटी में 11600 करोड रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास के बाद रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि कोई भी देश अपना इतिहास भूलकर प्रगति नहीं कर सकता.

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

केंद्र सरकार द्वारा 498 करोड रुपए की लागत में बनाई जा रही कामाख्या देवी मंदिर गलियारा परियोजना पर उन्होंने कहा कि इसके तैयार हो जाने के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस शक्तिपीठ में दर्शन करने आएंगे और जिससे पूरे पूर्वोत्तर के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा. मोदी ने कहा यह पूर्वोत्तर का प्रवेश द्वार बन जाएगा हजारों वर्षों की चुनौती के बाद हमने हमारी संस्कृति को कैसे संरक्षित रखा है इस बात के प्रतीक हैं.

माँ कामाख्या कोरिडोर

नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी के मंदिर के अलावा कई और मंदिर है. यहां मातंगी, कमला, त्रिपुर सुंदरी काली, तारा, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, छिन्नमस्तिका, भैरवी, धूमावती देवियों और दशमहाविद्या देवता के 10 अवतार के मंदिर भी हैं. नीलांचल पर्वत के चारों ओर भगवान शिव के पंच मंदिर कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर अमरतोकेश्वर, अघोर, और कौटिलिंग मंदिर है. इन्हीं सब को मिलाकर मां कामाख्या कॉरिडोर तैयार होगा.

IMG 20240420 WA0009
राज्यपाल के रूप में जो उपलब्धि हासिल की, उसमें राजभवन के समस्त कर्मचारियों की भागीदारी: राज्यपाल अनुसूइया उइके