कसडोल : मादा चीतल की आवारा कुत्तों के काटने से मौत




कसडोल। चंदन जायसवाल – संवाददाता : सोनखान वन परिक्षेत्र के सोनाखान सर्किल मे एकलव्य आवासीय विद्यालय परिसर की झाड़ी मे एक मादा चीतल घायल अवस्था मे पड़ा होने की सूचना पर वन विभाग का अमला घटना स्थल पर पंहुचा जहाँ उन्हें एक मादा चीतल घायल अवस्था मे मिला जिसे उठा कर लाया गया। चीतल के पिछले पैर और पीठ पर जगह जगह चोट और खरोच के निशान थे। जब उसे उठाकर लाया गया तब वह जीवित था परंतु कुछ ही समय बाद उसकी मृत्यु हो गई।
मादा चीतल के परिक्षण के लिये पशु चिकित्सक योगेश साहू को बुलाया गया , परिक्षण के पश्चात डॉ योगेश साहू द्वारा बताया गया कि मादा चीतल कि उम्र लगभग दो वर्ष है और इसकी मृत्यु आवारा कुत्तों के नोंचने से हुई है और इसे या तो दाह संस्कार किया जा सकता है या फिर इस चीतल के शव को जंगल मे छोड़ दिया जाये ताकि अन्य हिंसक वन्यप्राणियों का भोजन बन सके। इस बात कि पुष्टि प्रशिक्षु वन क्षेत्रपाल मुकेश कश्यप ने भी की कि चीतल की मृत्यु आवारा कुत्तों के नोंचने से ही हुई है और कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी प्रबंधन एवं जैव विविधता संरक्षण) सह मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक छत्तीसगढ़ के आदेश क्रमांक / व प्रा / व अ -04 /3652 रायपुर दिनांक 27/06/2019 के अनुसार जिस वन्यप्राणी की मृत्यु मे मनुष्य की संलिप्तता नहीं है, का पोस्टमार्टम कर जलाना उचित नहीं है वरण इसे अन्य हिंसक वन्यप्राणियों के भोजन हेतु जंगल मे छोड़ देना उचित है। आदेश का पालन करते हुए मादा चीतल के शव को जंगल मे छोड़ दिया गया।









