हींग, जिसे अंग्रेज़ी में Asafoetida कहते हैं, भारतीय रसोई में कई सौ सालों से मसाले के रूप में उपयोग किया जा रहा है। इसका उपयोग न केवल स्वाद में वृद्धि करता है, बल्कि यह बेहतरीन औषधि भी है। हींग का नाम फेरूला-फोइटिडानाम के पौधे से जुड़ता है, जिसका रस सुखाकर हींग बनाया जाता है। ये पौधे 2 से 4 फीट तक ऊंचे होते हैं और विशेष रूप से ईरान, अफगानिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, बलूचिस्तान, काबुल और खुरासान के पहाड़ी क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

दांतों के दर्द का इलाज: दांतों में दर्द होने पर हींग को दर्द वाले स्थान पर लगाने से दर्द में राहत मिलती है।
माइग्रेन का इलाज: माइग्रेन की समस्या में हींग को सुखाकर नाक से सुंघाने पर आराम मिलता है।
पसलियों का दर्द: पसलियों में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पसलियों पर लगाने से दर्द कम हो सकता है।
बच्चों के लिए फायदेमंद: बच्चों को न्यूमोनिया में हींग का पानी देने से आराम मिल सकता है।
महिलाओं के स्वास्थ्य: हींग का नियमित सेवन करने से महिलाओं के गर्भाशय का संकुचन होता है और मासिक धर्म संबंधित परेशानियां कम हो सकती हैं।
अर्टिकेरिया की समस्या: हींग का उपयोग पित्ती यानी अर्टिकेरिया की समस्या में शरीर पर मलकर रक्त दबाव को कम कर सकता है।
जहरपन का इलाज: जब किसीको जहर खाने की आशंका हो, तो हींग को उबले पानी में घोलकर पीलाया जा सकता है, जिससे जहर का प्रभाव कम हो सकता है।
हिस्टीरिया का इलाज: हींग को सुंघाने पर हिस्टीरिया रोगी को तुरंत होश आ में सकता है।
लो-ब्लड प्रेशर और दिल स्वास्थ्य: हींग का नियमित सेवन करने से लो-ब्लड प्रेशर और दिल से संबंधित बीमारियां होने की संभावना कम हो सकती हैं।
खांसी का इलाज: हींग को दालचीनी, अदरक, और शहद के साथ मिलाकर बनाई चाय के रूप में सर्दी-जुकाम के समय सेवन करने से खांसी में आराम मिल सकता है।
गुड़ में हींग: पुराने गुड़ में थोड़ी-सी हींग मिलाकर सेवन करने से हिचकी तुरंत बंद हो सकती है।
हींग के उपयोग कई रोगों के इलाज में भी होते हैं। हो सकता है कि इन उपयोगों के लिए किसी चिकित्सक की सलाह लेना उपयुक्त हो, खासकर जब रोग गंभीर हो।
नोट: इन उपयोगों को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
