मित्तल अस्पताल ने राजनादगांव निवासी संजीव अग्रवाल का कोरोनावायरस से इलाज के नाम पर किया शोषण

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kabaadi chacha

। स्वाभिमान पार्टी के नेता और अधिवक्ता सतीश कुमार त्रिपाठी ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मित्तल अस्पताल मैं सिद्ध हो चुके तीसरे आपराधिक षड्यंत्र का खुलासा किया है। इस मामले में राजनादगांव निवासी श्री संजीव अग्रवाल को कोरोना वायरस से इलाज के नाम पर अक्टूबर माह में मित्तल अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। जहां से लाखों रुपए की इलाज के नाम पर वसूली कर ली गई। लेकिन तबीयत बुरी तरह बिगड़ती चली गई। इसके परिणाम स्वरूप मजबूरी मे संजीव अग्रवाल ने स्वयं ही अस्पताल से छुट्टी लेकर रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल रायपुर में अपना दाखिला करवाया।रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल में भी मरीज से कोरोना वायरस के नाम पर लगभग 11 लाख रु. की वसूली की गई। मामले की जांच दुर्ग जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा करवाई गई। जिसमें कई बिंदुओं पर जबरदस्त लापरवाही और केवल पैसे वसूली करने के लिए अनाप-शनाप इलाज करने का मामला सामने आया है। जांच में यह स्पष्ट बताया गया कि बिना इंजेक्शन लगाए पैसे वसूल लिए गए। उपचार का लिखित रिकॉर्ड अर्थात केस शीट भी गलत पाई गई।जांच के आधार पर जिला कलेक्टर दुर्ग द्वारा मित्तल अस्पताल के विरुद्ध बीस हजार रु. का पुनः जुर्माना लगाया गया। कलेक्टर ने स्पष्ट किया है कि जुर्माने की राशि मित्तल अस्पताल को दंड स्वरूप चुकाना होगा साथ ही श्री संजीव अग्रवाल के उपचार में लिए गए शुल्क में कुल 39,550/- वापस करना होगा।
जिला कलेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन को लिखित आदेश में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए यह भी पूछा है कि क्यों न मित्तल अस्पताल के डॉक्टरों का लाइसेंस भी निरस्त कर दिया जाए। इसी प्रकार कोरोना वायरस से इलाज के नाम पर की गई घपले बाजी के कारण 30 दिनों के भीतर आदेश को पालन करने का नोटिस दिनांक 19 जनवरी 2021 को दिया गया था। जो आज दिनांक 21 फरवरी 2021 को एक महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के पश्चात भी पालन नहीं किया गया है।
पीड़ित संजीव अग्रवाल ने बताया है कि किसी प्रकार से जान बची है। अन्यथा मित्तल अस्पताल के लोग पैसे के लालच में उनकी हत्या ही कर चुके होते। अग्रवाल ने बताया कि अब तक आदेश का पालन नहीं किया गया है और उन्हें अस्पताल प्रबंधन ने किसी भी प्रकार की कोई राशि मुहैया नहीं कराई है।
इसी संदर्भ में स्वाभिमान पार्टी के पदाधिकारियों की एक बैठक 22 फरवरी को रायपुर में पार्टी के प्रमुख नेता श्री वीरेंद्र पांडे के निवास पर होगी। लगातार कई शिकायतों के सिद्ध होने और कलेक्टर द्वारा आदेश जारी कर दिए जाने के बावजूद मित्तल अस्पताल का व्यवहार अत्यंत गैर जिम्मेदाराना, निराशाजनक, शोषणपूर्ण और अत्याचारी रहा है। इसलिए उच्च न्यायालय में अस्पताल को बंद करने हेतु समस्त प्रावधानों और नियमों के तहत कार्यवाही करने का निर्णय लिया जाएगा। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री सतीश कुमार त्रिपाठी ने बताया है कि अब कानूनी रूप से उनके हाथ में ऐसे समस्त हथियार हैं जिनके तहत अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करवा दिया जाना चाहिए। इस हेतु स्वास्थ्य मंत्री से भी मुलाकात किए जाने की संभावना है। उच्च न्यायालय में वाद दाखिल कर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाना अंतिम कार्य होगा। चूंकि अस्पताल प्रबंधन ने अब तक किसी भी पक्षकार को बुलाकर उसकी रकम वापसी नहीं की है और अनाप-शनाप बिल राशि वसूल की है। इसलिए अस्पताल बंद किए जाने के लिए सभी पीड़ितों की तरफ से सहमति लेकर आगे की कार्यवाही की जाएगी।

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