नायक भारती वर्मा ने बढ़ाया जिले का मान : खिलौना से कराती है पढ़ाई*

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सिमगा विकासखण्ड के प्राथमिक शाला पौसरी की नवाचारी शिक्षिका भारती वर्मा को आज स्कूल शिक्षा विभाग के वेब पोर्टल में हमारे नायक कॉलम में विशेष स्थान मिला है। ज्ञात हो कि शिक्षिका के द्वारा बच्चों को खिलौनों के माध्यम से पढ़ाया जाता है। भारती वर्मा की सफलता की कहानी को ब्लॉग लेखक लोकेश कुमार वर्मा ने लिखा है, जिनका कि ये 22 वां ब्लॉग है । भारती वर्मा का ब्लॉग हिंदी व छत्तीसगढ़ी भाषा दोनों में पढ़ा जा सकता है।
कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए प्रदेश में विगत 20 मार्च से शासकीय व निजी स्कूल बंद है | स्कूल कब से पूर्ववत संचालित होंगे ? यह कह पाना संभव नही है | लेकिन छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग के भगीरथी प्रयासों से बच्चो की पढाई नियमित रूप घर बैठे, घर पर ही हो रहा है – “पढई तुंहर दुआर ” कार्यक्रम के माध्यम से | वेब पोर्टल आधारित ऑनलाइन माध्यमो के अम्ब्रेला में नवाचार के एक से एक कड़ी जुड़कर अध्ययन-अध्यापन के इस अभियान को सफल बनाकर “पढई तुंहर दुआर ” कार्यक्रम के नाम को सार्थक कर रहा है | प्रदेश के तमाम शिक्षक पढाई को घर-घर तक पहुँचाने के लिए स्थानीय परिस्थिति अनुसार नवाचार के माध्यम से बच्चो के दुआर तक स्कूल को लेकर जा रहे है |
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर पूर्व प्राथमिक कक्षाएं स्कूल शिक्षा से जुड़ेगी , जिसमे प्राथमिक स्तर पर बालवाटिका में छोटे बच्चे शामिल होंगे | स्थानीय खिलौना की समृध्द परम्परा रही है | प्रदेश में खिलौनों की विरासत और परम्परा विविधता भरी है | खिलौनों के माध्यम से शिक्षण के साथ हम दो चीजे और कर सकते है –अपने गौरवशाली अतीत को अपने जीवन में फिर से उतार सकते है और दूसरा अपने स्वर्णिम भविष्य को खिलौना निर्माण कर संवार सकते है | बच्चो के जीवन के अलग-अलग पहलुओ पर खिलौनों के प्रभाव का नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति में बहुत ध्यान दिया गया है | खेल-खेल में सीखना,खिलौने बनाना सीखना,खिलौने बनाकर सीखना, खिलौना निर्माण स्थल का प्रत्यक्षावलोकन इन सबको को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है | खिलौनों के माध्यम से बच्चो को एक बेहतर बचपन देने का उद्देश्य है |
ऐसे ही बलौदा बाज़ार जिले के विकासखंड सिमगा के शासकीय प्राथमिक शाला पौसरी की शिक्षिका श्रीमती भारती वर्मा खिलौनों के माध्यम से अपने शाला के बच्चो को पाठ्यक्रम का ज्ञान दे रही है | शिक्षिका के द्वारा मिट्टी,स्थानीय वस्तुओं व अनुपयोगी सामग्रियों के द्वारा पाठ के अनुरूप खिलौना तैयार कर अवधारणा को स्पष्ट किया जाता है | जिसका लाभ बच्चो को हो रहा है | शिक्षिका के द्वारा बच्चो के साथ मिलकर स्कूल में ही खिलौनों का निर्माण किया जाता है , जिससे बच्चे भी खिलौना बनाना सीख रहे है |
हमारे संवाददाता से विशेष चर्चा में शिक्षिका श्रीमती भारती वर्मा ने बताया कि लॉकडाउन में शाला बंद होने के अवधि से अब तक बच्चो के साथ उनके द्वारा वेब पोर्टल cgschool.in “पढई तुंहर दुआर” कार्यक्रम से सक्रिय रूप से जुड़कर सराहनीय कार्य कराया गया है।
*ऑनलाइन क्लास का संचालन* कोरोना काल में बच्चो की पढाई को अनवरत रखने के लिए शिक्षिका के द्वारा बच्चो के घर-घर जाकर उनका वेब पोर्टल में जाकर पंजीयन करते हुए ऑनलाइन क्लास में उपस्थित होने के तरीके बताकर ऑनलाइन क्लास से जोड़ा ताकि वे ऑनलाइन क्लास का लाभ ले सके |
*मोहल्ला क्लास का संचालन* ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण बच्चो के पास स्मार्टफोन की अनुलब्धता,नेटवर्क समस्या,रिचार्ज की समस्या को देखते हुए सामुदायिक विद्यालय मोहल्ला क्लास का आयोजन कर बच्चो को लगातार पढ़ा रही है | इस दौरान शिक्षिका के द्वारा कोविड-19 के नियमो का पालन किया जा रहा था |
*लाउडस्पीकर के माध्यम से पढाई* लॉकडाउन के चलते व कोरोना संक्रमण के डर से पालको ने बच्चो को मोहल्ला क्लास में भेजना बंद कर दिया था , तब शिक्षिका के द्वारा लाउडस्पीकर के माध्यम से पढाई का विकल्प जारी रखते हुए, लाउडस्पीकर के द्वारा पढ़ाया गया |
एससीईआरटी द्वारा राज्य स्तर पर विडिओ का चयन – कक्षा पांचवी पर्यावरण विषय के पाठ “जड व पत्ती” का विडियो राज्य स्तर पर पढई तुंहर दुआर के यु ट्यूब पर देखा जा सकता है | “गुरु तुझे सलाम “ कार्यक्रम में भी शिक्षिका भारती वर्मा ने प्रतिनिधित्व किया था |
कोरोना से बचाव के लिए विशेष *नुक्कड़ नाटक का मंचन* जब पालको ने बच्चो को मोहल्ला क्लास में भेजना बंद किया, तब कोरोना को लेकर फ़ैल रहे भ्रान्ति के प्रति उनको जागरूक करने के उदेश्य से कुछ बच्चो को लेकर “कोरोना हारेगा – पौसरी जीतेगा “ नामक नुक्कड़ नाटक किया गया | जिसे ग्रामीणों के साथ-साथ मिडिया के द्वारा भी सराहा गया और प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मिडिया में पर्याप्त कवरेज दिया गया |
*कौशल विकास की शिक्षा* शिक्षिका के द्वारा शाला के बच्चो को कौशल विकास व स्वालंबन बनाने के लिए अलग-अलग विधा जैसे – चित्रकारी,मिट्टी के कार्य,कागज से आकृति बनाना,अनुपयोगी वस्तुओ से सजावटी सामान बनाना इत्यादि का प्रशिक्षण मोहल्ला क्लास में दिया गया | जिस कारण क्लास में बच्चो की शत-प्रतिशत उपस्थिति बनी रहती थी |
*ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक का प्रयोग कर शिक्षण* शिक्षिका के द्वारा अध्ययन-अध्यापन में रोचकता लाने के लिए नित नवीन तकनीको का प्रयोग किया जाता रहा है | ऑगमेंटेड रियलिटी तकनीक भी उन्ही में से एक है | बच्चो में पढाई के प्रति आकर्षित करने के लिए पाठ्यक्रम अनुरूप अलग-अलग विषयवस्तु का आभासी चित्र बनाकर पढाया गया |
श्रीमती भारती वर्मा सक्रिय शिक्षिका के रूप में अपना पहचान रखती है | आपके द्वारा स्कूल के बच्चो में व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए हाथ धुलाई कार्यक्रम के माध्यम से बच्चो को जग्रुक्किया जाता है | बेहतर स्वास्थ्य के लिए साप्ताहिक योग व व्यायाम अभ्यास का भी सत्र आयोजित करती है | समुदाय को शाला से जोड़ने के लिए शाला विकास समिति का नियमित बैठक का आयोजन कराने में समन्वय करती है | शिक्षिका भारती वर्मा नेशन्स प्राइड बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में “ ICONIC TEACHER “ OF THE YEAR 2020 के लिए नामांकित हुई है | भारती वर्मा ने हमारे नायक कालम में चयन के लिए समग्र शिक्षा के सहायक संचालक डॉ. एम. सुधीश व लेखक लोकेश कुमार वर्मा का आभार व्यक्त किया। शिक्षिका की इस उपलब्धि के लिए प्रधान पाठक पुष्पलता नायक व सभी स्टाफ के द्वारा बधाई दिया गया ।

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चयन समिति की बैठक 10 फरवरी को